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कभी सड़कों पर बेचती थी मैग्जीन, ऐसे 34 वर्ष की उम्र में बनी प्रधानमंत्री

Motivational Story in Hindi: अपनी युवावस्था में सना मरिन ने जीवन यापन के लिए एक बेकरी में काम किया, उन्होंने मैग्जीन बांटने और उन्होंने कैशियर का भी कार्य किया।

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जयपुर

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Sunil Sharma

Jan 01, 2020

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Motivational Story of Sanna Marine in Hindi

motivational story in Hindi: मात्र 34 वर्ष की आयु में फिनलैंड के प्रधानमंत्री बनने वाली सना मरिन ने इतिहास में एक नया अध्याय रच दिया है। वह विश्व इतिहास में सबसे कम उम्र की राष्ट्राध्यक्ष बन गई है। 16 नवंबर 1985 को जन्मी मरिन ने 2004 में हाई स्कूल की पढ़ाई की। प्रशासनिक विज्ञान में मास्टर्स करने के बाद उन्होंने 2012 में राजनीति में कदम रखा। 27 वर्ष की आयु में वह तामपेरे की सिटी काउंसिल में चुनी गई। इसके बाद उन्होंने कई चुनाव लड़े और जीते।

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पॉकेट मनी के लिए किया था बेकरी में काम
अपनी युवावस्था में सना मरिन ने जीवन यापन के लिए एक बेकरी में काम किया, उन्होंने मैग्जीन बांटने और उन्होंने कैशियर का भी कार्य किया। वर्ष 2015 में सना पहली बार संसद पहुंची तथा चार वर्ष बाद ही संसद का चुनाव पुनः जीत कर परिवहन और संचार मंत्री बनी। आत्मविश्वास से भरी हुई सना मरिन के लिए उनकी उम्र या उनका महिला होना कोई मायने नहीं रखता और वह इस बारे में कभी नहीं सोचतीं।

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सकारात्मक सोचने तथा आगे देखने में है विश्वास
सना कहती है कि वह सिर्फ उन बातों पर ध्यान देती है जिनसे उन्हें राजनीति में आने तथा लगातार आगे बढ़ते रहने की प्रेरणा मिलती है। एक प्यारी बच्ची की मां सना मरीन का कहना है कि वह उन लोगों के भरोसे के बारे में सोचती हैं, जिन्होंने चुनावी राजनीति में उन पर पर भरोसा कर उनके हौसलों को उड़ान दी। वह लगातार सकारात्मक सोचने तथा आगे देखने में विश्वास करती है।

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यूनिवर्सिटी जाने वाली परिवार की पहली सदस्य थी
सना स्वयं भी एलजीबीटी परिवार से आती है। वह अपने परिवार की पहली सदस्य थी जिसने यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की और राजनीति में इतना बड़ा पद प्राप्त किया। सना मरिन फिनलैंड की एक ऐसी गठबंधन सरकार का नेतृत्व संभाल रही है जिसमें चार अन्य दल शामिल हैं और सभी की कमान भी महिलाओं के ही हाथों में है। इनमें से भी तीन महिलाएं प्रधानमंत्री सना मरिन से भी कम उम्र की है।