राजस्थान कॉलेज के प्रिंसिपल के.जी. शर्मा ने बताया कि ऑल ओवर इंडिया में जितने भी ओपन सोर्स कंटेंट हैं जैसे मैगजीन्स, जर्नल्स, सॉफ्टवेयर, न्यूजपेपर आदि को कम्बाइन करके साइबल या वर्चुअल लाइब्रेरी तैयार करने की प्रक्रिया जारी है। राजस्थान के लिए साइबर लाइब्रेरी बिल्कुल नया कॉन्सेप्ट है। यह नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया की तर्ज पर तैयार की जा रही है। इस पर यह सुविधा भी दी जाएगी कि लोग पता लगा सकें कि हमारे लाइब्रेरी में कितनी बुक्स हैं, कौन सी इश्यू हो चुकी है या अंडर प्रोसेस है।
कॉलेज के असिस्टेंट लाइब्रेरियन अनुभव साह बताते हैं कि कोरोना को ध्यान में रखते हुए स्टूडेंट्स के लिए ऐसी लाइब्रेरी तैयार की जा रही है, जिसमें राजस्थान के छात्र ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी से संबद्ध सभी यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी एक्सेस कर सके। इसके लिए उन्हें कहीं जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। टीचर और स्टूडेंट्स लाइब्रेरी की किताबें ऑनलाइन पढ़ सकेंगे।
ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी एसोसिएशन से संबद्ध लाइब्रेरी को मिलेगा फायदा
इसके तहत ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी एसोशिएशन से संबद्ध किसी भी यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी एक्सेस की जा सकेगी। साइबर लाइब्रेरी या वर्चुअल लाइब्रेरी को यूजर कहीं से भी फ्री में यूज कर सकेंगे। इस पर शिक्षा मंत्रालय के सैंट्रेलाइज्ड डाटा के रिसोर्सेज बिना किसी चार्ज के उपलब्ध रहेंगे। पब्लिक डोमेन में जो भी आर्टिकल या इंफॉर्मेशन उपलब्ध है, वह लाइब्रेरी पर अवेलेबल है। निजी कॉलेज की लाइब्रेरी भी फ्री है।
रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया
टीचर स्टूडेंट्स को ऑनलाइन फॉर्म भरना होगा। एडमिशन आईडी और डिटेल भरना होगा। पासवर्ड जनरेट हो जाएगा। लॉग इन आईडी से लाइब्रेरी को यूज किया जा सकेगा। साथ ही कोई दिक्कत होने पर यूजर लाइब्रेरियन से सवाल पूछ सकेगा। इसके अलावा बाहर के लोग भी लाइब्रेरी को विजिट कर सकेंगे। ओपन पब्लिक एक्सेस कैटलॉग में किताबों से संबंधित सूचनाओं की जानकारी मिल सकती है। गौरतलब है कि राजस्थान यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी में करीब 7000 ई-जर्नल्स ऑनलाइन हैं।