
भारी बारिश से मूंगफली की बुवाई प्रभावित, 11 लाख टन उत्पादन का अनुमान
मूंगफली वायदा कारोबार की एक बार फिर शुरुआत हुई। मूंगफली का वायदा कारोबार करीब 13 साल के बाद शुरू हुआ है। पिछली बार एनसीडीईएक्स ने मूंगफली वायदा 2006 में शुरू किया था, जो दिसंबर 2009 में बंद हो गया था। मूंगफली के वायदा भाव अभी हाजिर भाव की तुलना में कम है। हाजिर बाजार में पेराई गुणवत्ता वाली मूंगफली 7600 से 7800 रुपए प्रति क्विंटल बिक रही है।
मूंगफली के दामों में आ सकती है तेजी
राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के अध्यक्ष बाबूलाल गुप्ता का कहना है कि मूंगफली का उत्पादन कम है। इसलिए अन्य तिलहनों की कीमतों में भारी गिरावट की तुलना मूंगफली के दाम बहुत कम घटे हैं। हाल में मूंगफली उत्पादक प्रमुख राज्य राजस्थान व गुजरात में भारी बारिश से खरीफ सीजन में मूंगफली की बुवाई प्रभावित हो सकती है। ऐसे में आगे मूंगफली की वायदा कीमतों में तेजी आ सकती है। मूंगफली के वायदा भाव बढ़कर 7500 रुपए प्रति क्विंटल को पार कर सकते हैं। मूंगफली के वायदा भाव अभी हाजिर से भाव की तुलना में 600 से 800 रुपए कम हैं। ऐसे में कम उत्पादन व बुवाई प्रभावित होने के बीच मूंगफली के वायदा भाव मौजूदा स्तर से कम से कम 500 रुपए क्विंटल बढ़ने की संभावना है।
11 लाख टन मूंगफली उत्पादन का अनुमान
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2022-23 के रबी सीजन में करीब 11 लाख टन मूंगफली का उत्पादन होने का अनुमान है। जो पिछले रबी सीजन के उत्पादन करीब 17 लाख टन से काफी कम है। चालू खरीफ सीजन में 16 जनवरी को समाप्त सप्ताह तक 3.51 लाख हेक्टेयर में मूंगफली की बुवाई हो चुकी हैं, जो पिछली समान अवधि में 3.20 लाख हैक्टेयर में हुई बुवाई से करीब 10 फीसदी ज्यादा है। हालांकि बीते कुछ दिनों में उत्पादक इलाकों में हुई बारिश से अब बुवाई पिछड़ने की आशंका है।
Published on:
21 Jun 2023 01:19 pm
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