
5 Base of Corona-Gold Friendship, will take prices to 50,000 Rs
नई दिल्ली। जितनी तेजी के साथ पूरी दुनिया में कोराना वायरस अपने पांव पसार रहा है, उतनी तेजी के साथ सोने के दाम में तेजी देखने को मिल रही है। ऐसा लग रहा है कि सोना और कोराना आपस में दोस्त कर रहे हैं। जिसकी वजह से सोना भी लोगों को डराने लगा है। वास्तव में कोरोना की वजह से दुनियाभर के बाजारों में पांच ऐसे आधार बने हैं, जिसकी वजह से सोना अब दुनियाभर के निवेशकों को डराने लगा है। अगर बात आज की ही करें तो सोना इंटरनेशनल मार्केट में 1741 डॉलर प्रति ओंस पर आ गया है जो अब तक सबसे उच्चतम स्तर है। वहीं भारतीय वायदा बाजार में भी सोना 46 हजार के पार पहुंच गया है। यही पांच कारण सोने की कीमतों को 50 हजार रुपए प्रति दस ग्राम पर भी पहुंचा सकते हैं। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर वो कौन से पांच कारण हैं, जिसकी वजह से सोना कोरोना वायरस का दोस्त बन गया है।
रिकॉर्ड स्तरों पर सोने के दाम
आज इंटरनेशनल मार्केट और घरेलू बाजारों में सोने के दाम रिकॉर्ड कीमतों पर कारोबार कर रहे है। पहले बात विदेशी बाजारों की करें तो कॉमेक्स पर सोने की कीमत 1750 डॉलर प्रति ओंस के आसपास कारोबार कर रहा है। वहीं बात भारतीय वायदा बाजार की बात करें तो करीब एक हजार की बढ़ोतरी के साथ 46260 रुपए प्रति दस ग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर कारोबार कर रहा है। आने वाले दिनों सोने के दाम 50 हजार रुपए प्रति दस ग्राम पर पहुंच सकते हैं।
ब्याज दरों में कटौती
कोरोना वायरस की वजह से आर्थिक गतिविधियां रुक जाने की वजह से दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों की ओर से ब्याज दरों में कटौती की है। फेड से लेकर आरबीआई की ओर से 100 आधार अंकों की कटौती की है। जब-जब भी केंद्रीय बैंक इस तरह के कदम उठाते हैं, तब-तब सोने के दाम में तेजी देखने को मिलती है। 2008 की मंदी के दौरान भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला था।
प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा
जब भी दुनिया में इस तरह की विपत्तियां आती हैं तो दुनिया भर की सरकारें देश की इकोनॉमी में लिक्विडिटी बढ़ाने और अर्थव्यवस्था के पहियों को चलाने के लिए प्रोत्साहन राशि देती है। मौजूदा समय में इस संकट की घड़ी में सभी देशों ने प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की है। जापान तो और भी दो आगे निकल गया है, उसने अपनी कुल जीडीपी का 20 फीसदी प्रोत्साहन पैकेज देने का ऐलान किया है। आने वाले दिनों में दुनिया के बाकी देश भी इसका अनुसरण भी करते दिखाई दे सकते हैं। जब भी इस तरह के प्रोत्साहन पैकेज भी घोषणा होती है तो सोने के दाम में तेजी देखने को मिल जाती है।
इक्विटी मार्केट में गिरावट
वहीं मौजूदा समय में इक्विटी मार्केट में काफी गिरावट देखने को मिल रही है। अमरीकी, एशियाई बाजारों के साथ भारतीय शेयर बाजार 20 फीसदी से ज्यादा गिर चुके हैं। जिसकी वजह से निवेशकों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। जिसकी वजह से निवेशकों का रुख सोने की ओर देखने को मिला है। यही वजह से सोने के दाम में लगातार तेजी देखने को मिल रही है।
आर्थिक मंदी का ऐलान
दुनियाभर की आर्थिक एजेंसियां वैश्विक मंदी की बात को स्वीकार कर चख्ुके हैं। कुछ दिन पहले आईएमएफ ने भी साफ कहा कि दुनिया की इकोनॉमी ग्रेट डिप्रेशन जैसी दिखाई देने लगी है। यही वजह से अब सोना और भी सुरक्षित निवेश के रूप में स्थापित हो गया है। जानकारों के अनुसार 2008 की मंदी के दौरान भी सोने के दाम में तेजी देखने को मिली थी।
सप्लाई भी पूरी तरह से बंद
वहीं बात सप्लाई की करें तो कोरोना वायरस की वजह से हुए लॉकडाउन के कारण सप्लाई पूरी तरह से बंद है। वहीं दूसरी ओर स्पॉट मार्केट बंद होने के कारण डिमांड भी गिरी हुई है। भारत को उदाहरण के रूप में देखें तो हर साल भारत में सोना 800 टन आयात होता है, इस बार इसमें 50 फीसदी की गिरावट देखने को मिल सकती है। जिस कारण भी सोना उबाल ले रहा है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया के अनुसार मौजूदा समय में कोरोना वायरस से सोने के साथ दोस्ती के पांच आधार बन रहे हैं। आर्थिक मंदी, प्रोत्साहन पैकेज, शेयर बाजार में गिरावट, ब्याज दरों में गिरावट और सप्लाई बंद होना। जिसकी वजह से सोने के दाम में तेजी बनती हुई दिखाई दे रही है। उन्होंने कहा आने वाले दिनों में यही तेजी सोने की कीमतों में 50 हजार रुपए प्रति दस ग्राम के पार भी पहुंचा सकता है। वहीं इंटरनेशनल र्माकेट में सोने के दाम 2000 डॉलर प्रति ओंस के आसपास पहुंचने के आसार हैं।
Updated on:
13 Apr 2020 03:36 pm
Published on:
13 Apr 2020 03:34 pm
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