28 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

आम लोगों की जेब पर महंगाई की मार, खाने के तेल ने बिगाड़ा बजट

खाद्य तेल के दाम में तेजी वैश्विक बाजार में तेल और तिलहनों की मांग के मुकाबले आपूर्ति कम भारत खाद्य तेल की अपनी जरूरतों का तकरीबन दो तिहाई करता है आयात, कीमत में तेजी

2 min read
Google source verification
nflation hit the pocket of common people, edible oil spoiled budget

nflation hit the pocket of common people, edible oil spoiled budget

नई दिल्ली। खाद्य तेल की महंगाई बेकाबू होती जा रही है। खाने के तमाम तेल के दाम रिकॉर्ड ऊंचाई पर है और बहरहाल कीमतों में नरमी के आसार नहीं दिख रहे हैं। खाद्य तेल के दाम में तेजी वैश्विक बाजार में तेल और तिलहनों की मांग के मुकाबले आपूर्ति कम होने की वजह से आई है। भारत खाद्य तेल की अपनी जरूरतों का तकरीबन दो तिहाई हिस्सा आयात करता है और आयात महंगा होने से तेल के दाम लगातार आसमान छू रहे हैं। जिसकी वजह से आम लोगों का बजट बिगड़ गया है।

पाम ऑयल की कीमत में तेजी
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर मंगलवार को क्रूड पाम तेल के जनवरी वायदा अनुबंध में भाव 941 रुपये प्रति 10 किलो तक चढ़ा जोकि रिकॉर्ड स्तर के करीब है। बीते महीने 19 नवंबर को एमसीएक्स पर सीपीओ का भाव 948.8 रुपये प्रति 10 किलो तक उछला था। जबकि आज की बात करें तो मौजूदा समय 11 बजकर 40 मिनट पर पाम ऑयल की कीमत 6 रुपए प्रति दस किलोग्राम के साथ 945.70 रुपए प्रति दस किलोग्राम पर कारोबार कर रहा है।

यह भी पढ़ेंः-Gold And Silver Price : आ गई हैं सोना और चांदी की नई कीमत, जानिए कितना हुआ सस्ता

सरसों के तेल के दाम आसमान पर
सरसों तेल कच्ची घानी का थोक भाव सोमवार को जयपुर में 1173 रुपए प्रति 10 किलो, कांडला पोर्ट पर सोया तेल का थोक भाव 1115 रुपए प्रति 10 किलो, आरबीडी का भाव 1010 रुपए 10 किलो, सूर्यमुखी तेल का 1290 रुपए प्रति 10 किलो था। जानकार बताते हैं कि सोयाबीन और आरबीडी सर्वाधिक उंचे स्तर पर है जिसका असर दूसरे खाद्य तेल पर भी पड़ रहा है।

क्यों आई है तेजी?
सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के चेयरमैन दाविश जैन ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार तेज होने की वजह से देश में खाद्य तेल के दाम में तेजी देखी जा रही है। उन्होंने कहा कि मौसम अनुकूल नहीं होने की वजह से दुनियाभर में इस बार तमाम तिलहनों क उत्पादन में कमी आई है जिससे मांग के मुकाबले आपूर्ति कम है। लिहाजा खाद्य तेल के दाम उंचे स्तर पर हैं।

यह भी पढ़ेंः-आईटी, ऑटो और फार्मा के दम पर शेयर बाजार में तेजी, सेंसेक्स 46200 अंकों के करीब

भारत 65 फीसदी करता है आसात
जैन ने कहा कि भारत खाद्य तेल की जरूरत का करीब 65 फीसदी आयात करता है इसलिए विदेशी बाजार में तेल-तिलहनों के दाम में तेजी की वजह से घरेलू बाजार में तेल के दाम में बढ़ोतरी हुई है। हालांकि उन्होंने कहा कि दो महीने बाद दक्षिण अमेरिकी देशों की नई फसल आने वाली है और अगर फसल अच्छी रही तो तेल के दाम में थोड़ी नरमी आ सकती है।

कीमत बढऩे की असल वजह
भारत अर्जेंटीना से सोया तेल का आयात करता है और जानकार बताते हैं कि अर्जेंटीना में गर्म मौसम होने की वहज से बुवाई में विलंब हुआ है। खाद्य तेल बाजार विशेषज्ञ मुंबई के सलिल जैन ने बताया कि अर्जेंटीना में गर्म मौसम के चलते बुवाई में देरी हुई है और ब्राजील में भी गर्म मौसम के कारण उत्पादन पर असर पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि अर्जेंटीना में हड़ताल और केएलसी में उछाल की वजह से बीते सप्ताह सीबोट पर सोयाबीन में जबरदस्त तेजी देखी गई। अर्जेंटीना में मजदूरों की हड़ताल के कारण पेराई बंद होने से सोया तेल के दाम में बीते 15 दिनों 100 डॉलर प्रति टन की तेजी आई। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोयाबीन का भाव 2014 के बाद के उंचे स्तर पर है।