
No getting relief from potato inflation, price may be more than rs 60
नई दिल्ली। भले ही बरसात का सीजन खत्म होने के बाद सब्जियों की नई फसल आने से कीमतों में थोड़ी नरमी देखने को मिल सकती है, लेकिन नवरात्र और देश में अनलॉक 5 में रेस्त्रा और होटल खुलने से आलू की खपत में इजाफा होगा और कीमतों में और तेजी देखने को मिल सकती है। जानकारों की मानें तो आलू के खुदरा दाम 60 रुपए से ज्यादा हो सकते हैं।
नवरात्र के मौके पर बढ़ेंगे आलू के दाम
दिल्ली स्थित आजादपुर मंडी में बीते कुछ दिनों से आलू का थोक भाव 12 रुपए से 51 रुपए प्रति किलो चल रहा है, जबकि दिल्ली-एनसीआर में आलू (सामान्य वेरायटी) का खुदरा दाम 40 से 50 रुपए प्रति किलो चल रहा है। वहीं, खास क्वालिटी के आलू का खुदरा भाव ऊंचा है। आजादपुर मंडी पोटैटो ऑनियन मर्चेंट एसोसिएशन यानी पोमा के जनरल सेक्रेटरी राजेंद्र शर्मा बताते हैं कि नवरात्र के दौरान व्रत में लोग आलू खाते हैं, जिससे आलू की खपत इस दौरान बढ़ जाती है। नवरात्र इस साल 17 अक्टूबर से आरंभ हो रहा है और 25 अक्टूबर को दशहरे का त्योहार है जिसके साथ ही नवरात्र समाप्त हो जाएगा। इस दौरान आलू की कीमत में और तेज होने की संभावना है। आलू के दाम में बढ़ोतरी की मुख्य वजह आवक में कमी है। पिछले साल के मुकाबले कीमत दोगुना से ज्यादा का इजाफा हो गया है।
उत्तर भारत में आलू की बुवाई हुई शुरू
जानकारों की मानें तो आलू की महंगाई देख अच्छे भाव की उम्मीदों में किसानों ने आलू की खेती में पूरी ताकत झोंकी है। उत्तर-भारत में आलू की बुवाई शुरू हो चुकी है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के तहत आने वाले और हिमाचल प्रदेश के शिमला स्थित केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान के कार्यकारी निदेशक डॉ. मनोज कुमार के मुताबिक, रबी सीजन में आमतौर पर आलू की बुवाई सितंबर के आखिर में शुरू होती है और नवंबर तक चलती है, जबकि हार्वेस्टिंग दिसंबर से मार्च तक चलती है। हालांकि, कारोबारी बताते हैं कि अगैती फसल की आवक नवंबर के आखिर में शुरू हो सकती है। बीते फसल वर्ष में आलू का उत्पादन ज्यादा होने के बाजवूद आलू के दाम में इस साल काफी बढ़ोतरी हुई है।
इस आलू का उत्पादन भी हुआ ज्यादा
केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा जारी दूसरे अग्रिम उत्पादन के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2019-20 के दौरान देश में आलू का उत्पादन 513 लाख टन हुआ, जबकि एक साल पहले 2018-19 में देश में आलू का उत्पादन 501.90 लाख टन हुआ था। यही नहीं, कोरोना काल में लॉकडाउन के चलते होटल, रेस्तरां, ढाबा आदि काफी समय तक बंद रहने पर भी सब्जियों की खपत में गिरावट रही है। आलू की महंगाई का असर आम उपभोक्ताओं पर पड़ा है क्योंकि बरसात के दौरान आमतौर पर हरी शाक-सब्जियां जब महंगी हो जाती हैं तो आमलोगों के लिए आलू ही एक सहारा बच जाता है, लेकिन इस बार उनको आलू भी महंगे भाव पर मिल रहा है।
Updated on:
05 Oct 2020 01:59 pm
Published on:
05 Oct 2020 01:48 pm
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