
Onions can come again at Rs 25 to 30 per kg, know the reason
नई दिल्ली। देश में एक बार फिर से सस्ती प्याज का दौर शुरू हो सकता है। इसके पीछे कई अहम कारण बन रहे हैं। पहला कारण तो यही है कि देश में स्थानीय स्तर पर प्याज की आवक में थोड़ी तेजी आ गई है। वहीं दूसरा कारण कारण है प्याज की कीमत को कंट्रोल करने के लिए अफगानी प्याज को मंडियों में उतारने की तैयारी है। वहीं तीसरी और सबसे अहम वजह यह है कि देश में नवरात्र के त्योहार शुरू होने वाला है। जिस दौरान देश के लोग प्याज के सेवन का परहेज करते हैं। ऐसे में मंडियों में प्याज की मात्रा तो प्रचूर रहेगी, लेकिन डिमांड कम होने से कीमतों में गिरावट आने की संभावना बनी हुई है। ऐसे में प्याज की कीमत एक बार फिर से 25 से 30 रुपए के प्रति बीच में आ सकते हैं। मौजूदा समय में प्याज के खुदरा दाम 40 सेे 50 रुपए प्रति किलोग्राम के आसपास हैं।
प्याज की कीमत में गिरावट आनी शुरू
अफगानी प्याज के उत्तर भारत की मंडियों में उतरने से पहले देश की राजधानी दिल्ली में प्याज के दाम में नरमी आ गई है। दिल्ली स्थित आजादपुर मंडी में सोमवार को प्याज के थोक भाव में दो से तीन रुपए प्रति किलो की गिरावट देखने को मिली है। प्याज कारोबारियों के अनुसार अफगानिस्तान से चली प्याज की बोर्डर पर आ चुकी है, लेकिन मंडियों में अफगानी प्याज के उतरने में अभी दो दिन और लगेंगे। वहीं आजादपुर मंडी के कारोबारियों के अनुसार मंडी में प्याज की आवक में सुधार हुआ है और मौजूदा भाव पर जितनी मांग है, उतनी आपूर्ति होने लगी है। कारोबारियों की मानें तो अफगानी प्याज आने के साथ-साथ घरेलू आवक भी आने वाले दिनों में बढऩे के आसार हैं, क्योंकि राजस्थान में प्याज की नई फसल उतर गई है जिससे कीमतों में और गिरावट आ सकती है।
मौजूदा समय में मंडियों में दाम
आजादपुर कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) की रेट लिस्ट के अनुसार, शनिवार को मंडी प्याज का थोक भाव 12.50 रुपए प्रति किलो से 40 रुपए प्रति किलो था जो सोमवार को घटकर 12.50 रुपए से लेकर 37.50 रुपए प्रति किलो पर आ गया। हालांकि दिल्ली-एनसीआर में प्याज के खुदरा भाव में कोई फर्क नहीं पड़ा है। अभी भी उपभोक्ताओं को 40 से 50 रुपए किलो प्याज खरीदना पड़ रहा है। महाराष्ट्र की प्रमुख प्याज मंडी लासल गांव में सोमवार को प्याज का थोक भाव 800 रुपए से 3921 रुपए प्रतिक्विंटल था।
स्थानीय प्याज की आवक में होगा इजाफा
आजादपुर मंडी पोटैटो ऑनियन मर्चेंट एसोसिएशन यानी पोमा के जनरल सेक्रेटरी राजेंद्र शर्मा ने बताया कि राजस्थान की अलवर मंडी में प्याज की नई फसल उतर गई है और दिल्ली में भी आने वाले दिनों में नई फसल कील आवक बढऩे वाली है। उन्होंने बताया कि इस समय दिल्ली में राजस्थान, कर्नाटक और महाराष्ट्र के अलावा गुजरात से भी प्याज की आवक हो रही है और मौजूदा भाव पर जितनी मांग है, उसके अनुरूप आपूर्ति होने लगी है, इसलिए कीमतों में तेजी पर ब्रेक लग गया है। आजादपुर एपीएमसी के आंकड़ों के अनुसार, मंडी में रविवार को प्याज की आवक 1,083.5 टन थी और सोमवार को भी आवक 285.2 टन दर्ज की गई।
अफगानी प्याज भी कीमत का बुखार
वहीं दूसरी ओर अफगानी प्याज भी देश में आ गई है। जल्दी ही मंडियों में पहुंचने के आसार हैं। ऐसे में प्याज की बढ़ती कीमतों को कम करने के लिए अफगानी प्याज काफी मदद करेगी। वैसे कारोबारियों का कहना है कि अफगानी प्याज की मांग उसकी क्वालिटी पर निर्भर करेगी। अफगानिस्तान से आने वाले प्याज की क्वालिटी के साथ-साथ, आयात का खर्च को भी जोड़कर देखा जाएगा कि मौजूदा भाव पर मंगाने में फायदा है या नहीं। वहीं कुछ कारोबारियों का कहना है कि अफगानी प्याज ने पिछली बार भी कीमतों को कम करने का प्रयास किया था।
नवरात्र के मौके पर डिमांड रहेगी कम
वहीं दूसरी ओर देश में अगले सप्ताह से नवरात्र शुरू होने जा रहे हैं। इस दौरान देश के करोड़ों लोग प्याज से परहेज करते हैं। जिसकी वजह से डिमांड में कमी हमेशा देखने को मिलती है। जिसका असर कीमतों में भी देखने को मिलता है। अफगानी प्याज और स्थानीय प्याज की आवक रहने और डिमांड कम होने की वजह से कीमतों में कमी आ सकती है। नवरात्रों के बाद देश में फेस्टिव सीजन का माहौल रहता है। जिसकी वजह से प्याज का सेवन ज्यादा नहीं होता है। जिसका असर कीमतों में देखने को मिल सकता है।
आधी हो सकती है प्याज की कीमत
जानकारों की मानें तो आने वाले 15 दिनों में प्याज की कीमत में 50 फीसदी की गिरावट देखने को मिल सकती है। मतलब साफ है कि देश में प्याज के खुदरा दाम एक बार फिर से 25 रुपए से 30 रुपए प्रति किलोग्राम के स्तर पर आ सकतेे हैं। मौजूदा समय में प्याज की कीमत 40 रुपए से 50 रुपए प्रति किलाग्राम पर बिक रहा है। ऐसे में आम लोगों को प्याज की कीमत में बड़ी राहत देखने को मिल सकती है।
Updated on:
06 Oct 2020 10:16 am
Published on:
06 Oct 2020 09:53 am
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