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20 करोड़ रुपए की है छिपकली, जो मानी जाती है अच्छी किस्मत और समृद्धि की प्रतीक

यह छिपकली गेको नाम की प्रजाति की है, जिसका नाम है टोके गेको, ये छिपकली सबसे ज़्यादा एशिया और पैसिफिक आईलैंड में पाई जाती है।

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20 करोड़ रुपए की है छिपकली, जो मानी जाती है अच्छी किस्मत और समृद्धि की प्रतीक

नर्इ दिल्ली। कुछ दिन पहले वेस्ट बंगाल के परगना जिले से एक तस्कर को पकड़ा गया था। जिसके पास एक छिपकली थी। जिसकी वो तस्करी कर रहा था। अब सवाल ये है कि एक छिपकली की तस्करी। जिसे लोग अपने घर में देखना पसंद तक नहीं करता है, उसकी तस्करी की क्या जरुरत है। अगर हम बताए कि उसकी इंटरनेशनल मार्केट में कीमत 20 करोड़ या उससे ज्यादा है तो? जी हां, हमारे देश में एक एेसी छिपकली भी पार्इ जाती है जिसकी कीमत करोड़ में हैं। आइए आपको भी बताते हैं कि इस छिपकली के बारे में…

गेको नाम की जाति की है छिपकली
वैसे तो इसे छिपकली है, लेकिन यह छिपकली गेको नाम की प्रजाति की है। जिसका नाम है टोके गेको। ये छिपकली सबसे ज़्यादा एशिया और पैसिफिक आईलैंड में पाई जाती है। अगर बात एशिया की बात करें तो भारत, भूटान, नेपाल और बांग्लादेश, फिलिपींस और इंडोनेशिया में पार्इ जाती है। कर्इ देशों में तो इनका अस्तित्च ही खतरे में पड़ गया है। टोके गेको की लंबार्इ करीब 35 सेमी लंबी है। इसका आकार भी सिलेंडर की तरह होता है। शरीर का निचे का हिस्सा सपाट होता है। इस छिपकली की स्किन पर लाल धब्बे होते हैं। जानकारों की मानें तो यह छिपकली वातावरण के हिसाब से अपना रंग बदलती है। इसके पैर इतने मज़बूत होते हैं कि इसके पूरे शरीर का बोझ उठा सकते हैं।

क्यों हैं 20 करोड़ रुपए की कीमत
- साउथ-ईस्ट एशिया में टोके गेको को अच्छी किस्मत और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
- एशिया में इनकी तस्करी सबसे ज़्यादा दवाइयां बनाने के लिए होती है।
- ऐसा माना जाता है कि ये किडनी और फेफड़ों को मज़बूत बनाती हैं।
- इस छिपकली से बना तेल लोग अपनी त्वचा पर लगाते हैं।
- चीन में इन छिपकलियों से मेडिसिनल लीकर भी बनाया जाता है।
- मेडिसिनल लीकर में टोके गेको के साथ कई छिपकलियां मिलाई जाती हैं।

खत्म होने के कगार हैं ये छिपकली
ज़्यादा से ज्यादा शिकार के कारण फिलिपींस में यह प्रजाति खत्म होने की कगार पर पहुंच गई है। फिलिपींस में इनकी तस्करी पर 12 साल तक की कैद का प्रावधान हैं। भारत के वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन ऐक्ट 1972 के शेड्यूल 4 के मुताबिक इन छिपकलियों का बिजनेस करना अवैध है। ऐसा करने पर तीन से सात साल तक की कैद हो सकती है।