
मऊ में बीजेपी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव
मऊ. विधानसभा चुनाव में बम्पर जीत के बावजूद बीजेपी के लिये ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष के उपचुनाव में राहें कांटों भरी रहीं। मऊ जिले के महज एक ब्लॉक में अविश्वास प्रस्ताव के बाद हुए उपचुनाव में बीजेपी सपा को हराने में कामयाब हुई। पर अब बीजेपी के लिये उस सीट को बचाने के लिये भी जद्दोजेहद करनी पड़ रही है। बात मऊ के बडराव ब्लॉक की हो रही है। यहां बीजेपी की रीता पटेल ब्लॉक प्रमुख हैं। पर उनकी कुर्सी खतरे में है। ब्लॉक के 91 में से 53 सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव पत्रक डीएम को दिया है। अब बीजेपी किसी भी तरह से इस सीट को बचाने में जुट गयी है।
अविश्वास प्रस्ताव की सियासत बडराव ब्लॉक में तेज हो गई है पर इसकी चर्चा पूरे जिल्रे में है। चूंकि अविश्वास प्रस्ताव देने वाले सदस्यों की संख्या अधिक है इसलिये बीजेपी खेमे की ओर से एंड़ी-चोटी का जोर लगा दिया गया है। यह नाक का सवाल इसलिये भी है क्योंकि केन्द्र से लेकर सूबे तक में सरकार भाजपा की है, ऐसे में अगर एकमात्र ब्लॉक प्रमुख की सीट भी छिन जाती है तो इसका संदेश गलत जाएगा।
भाजपा ब्लॉक प्रमुख का मामला होने के चलते जिले के सभी छोटे-बड़े नेता इस अविश्वास प्रस्ताव को किसी भी कीमत पर अमली जामा पहनाने देने से रोकने की जुगत में लग गए हैं। बीजेपी जिलाध्यक्ष समेत कई दिग्गज नेताओं ने पुलिस अधीक्षक से मिलकर बीडीसी सदस्यों को धमकाकर अपने पक्ष में करने और जबरदस्ती बंधक बनाने की शिकायत की है। हालांकि पुलिस ने साफतौर पर बंधक बनाने और जबरदस्ती की बात को सिरे से खारिज कर दिया है।
गौरतलब है कि चार दिन पहले बडराव ब्लॉक प्रमुख के खिलाफ बीडीसी सदस्यों ने जिलाधिकारी से मुलाकात कर अविश्वास प्रस्ताव सौंपा। ब्लॉक के कुल 91 में से 53 सदस्य इस अविश्वास प्रस्ताव में शामिल रहे। आरोप है कि इसके बाद से ही दूसरा खेमा लोगों को डरा-धमकाकर अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रहा है। इसी सिलसिले में दो बीडीसी सदस्यों ने मुकदमा भी दर्ज कराया। पर पुलिस की जांच हुई तो पता चला कि सभी सदस्य अपनी मर्जी से गए हैं।
कहा यह भी जा रहा है कि चूंकि बीजेपी ब्लॉक प्रमुख का मामला है इस नाते जिले के सभी नेता पुलिस प्रशासन से मिलकर जबरदस्ती अविश्वास प्रस्ताव पारित कराने की बात कर रहे हैं। शनिवार को बीजेपी के बड़े नेताओं के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मण्डल पुलिस अधीक्षक से मिला और स्थानीय पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाया। बीजेपी नेता मुन्ना दुबे का कहना था कि उन्होंने प्रदेश स्तर के नेताओं को इस पूरे मामले से अवगत करया है। बीजेपी सरकार में इस तरह की गुंडई और अराजकता नहीं चलेगी।
वहीं इस मामले में अपर पुलिस अधीक्षक शिवाजी शुक्ला का कहना है कि शुक्रवार को दोनों गुट आमने-सामने हो गए थे, जिसको लेकर पुलिस सतर्क है कि किसी भी बीडीसी सदस्य के साथ जबरदस्ती की कोई बात नहीं सभी अपनी मर्जी से साथ में हैं।
by VIJAY MISHRA
Published on:
14 Oct 2017 10:14 pm
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