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मऊ में मधुबन महोत्सव : खाली जमीनों को हरित पट्टियों में तब्दील करने का लक्ष्य, सबने सीखे पर्यावरण के संस्कार

26 से 28 नवम्बर तक चले इस महोत्सव की शुरुआत पौधारोपण के साथ की गई। पीपल बाबा की टीम ने रजिस्ट्रेशन फॉर प्लांटेशन कार्यक्रम के जरिये लोगों से पौधे लगाने के लिए एंट्री ली और बाद में मधुबन क्षेत्र में पौधारोपण किया गया। इस महोत्सव में स्कूलों के बच्चों और उनके शिक्षकों को पर्यावरण के संस्कार सिखाये गए।

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मऊ

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Hariom Dwivedi

Dec 02, 2021

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मऊ. जनपद के कठघरा शंकर गांव से मधुबन महोत्सव की शुरुआत हुई। महोत्सव में सभी दलों और सामाजिक संगठनों के लोग शामिल हुए। इसे एक अनोखी शुरुआत माना जा रहा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय ने इस महोत्सव का उद्घाटन किया जबकि पीपल बाबा की संस्था 'गिव मी ट्रीज' ने बड़े स्तर पर पौधारोपण किया। पीपल बाबा हरियाणा के गुरुग्राम में पीपल और बरगद की दुनिया की सबसे बड़ी नर्सरी बना रहे हैं। 26 से 28 नवम्बर तक चले इस महोत्सव की शुरुआत पौधारोपण के साथ की गई। पीपल बाबा की टीम ने रजिस्ट्रेशन फॉर प्लांटेशन कार्यक्रम के जरिये लोगों से पौधे लगाने के लिए एंट्री ली और बाद में मधुबन क्षेत्र में पौधारोपण किया गया। इस महोत्सव में स्कूलों के बच्चों और उनके शिक्षकों को पर्यावरण के संस्कार सिखाये गए। जहां भी प्लांटेशन का कार्य किया गया, वहां क्षेत्रीय लोगों को लगाये गए पौधों के देखभाल की जिम्मेदारी दी गई। इस मौके पर पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय ने कहा कि जहां कहीं भी देश में लोगों को जोड़ने और खुद जुड़कर कार्य करने की जरूरत होगी, वहां वह हमेशा पहुंचेंगे और सहयोग देंगे।

खाली जमीनों को हरित पट्टियों में तब्दील करने का लक्ष्य
पीपल बाबा ने हरित मधुबन प्रोजेक्ट की शुरुआत कठघरा शंकर गांव के शहीद स्मारक में पौधारोपण करके की। इस अभियान के जरिये 5 साल में इस पूरे क्षेत्र की खाली जमीनों को हरित पट्टियों में तब्दील करके आबोहवा को स्वास्थ्यवर्धक बना दिया जायेगा। पीपल बाबा ने यह कहा कि देश में ऑक्सीजन की कमी से ढेर सारी दिक्कतें उभर कर आ रही हैं। इसे पूरा करने के लिए उन्होंने प्लांटेशन को अपना फुल टाइम पेशा बनाया है। देश का हर नागरिक अगर प्लांटेशन और मेन्टेनेन्स के साथ अगर जुड़ जाए तो यह समस्या पूरी तरह से समाप्त हो जाएगी।

स्टूडेंट्स को दिये सफलता के मंत्र
राष्ट्रीय हिंदी एकता मिशन के अध्यक्ष राणा सिंह अपनी पूरी टीम के साथ मधुबन महोत्सव में हिस्सा लेने आये और हिंदी पढ़ने वाले बच्चों को सफलता के टिप्स दिए। उन्होंने बताया कि देश के कई राज्य राष्ट्रीय भाषा को अब तक प्रमोट नहीं कर सके हैं। हिंदी को लोग अंग्रेजी के आगे कमजोर मानते हैं लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है।

'सबके सहयोग से बनेगा नया मधुबन'
मधुबन महोत्सव का आयोजन रणनीतिकार बद्रीनाथ ने किया। उन्होंने कहा कि यह एक शुरुआत थी, जिसमें सभी दलों और दिलों की दूरियां मिटाकर एक साथ ले चलने का कार्य किया गया। इससे देश के मुख्य सामाजिक संगठनों को भी जोड़ा जायेगा और सबके सहयोग से नया मधुबन बनाया जायेगा। इस दौरान अखिल भारतीय पंचायत परिषद के कार्यवाहक अध्यक्ष अशोक चौहान, महामंत्री ध्यान पाल सिंह जादौन, प्रदेश अध्यक्ष अशोक सिंह जादौन मौजूद रहे।