
Govardhan Puja 2024
पूर्वांचल में दीपावली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा मनाई जाती है। इस दिन बहनें अपने भाइयों को श्राप देकर उनकी लंबी आयु की कामना करती हैं। आज शनिवार को पूरे जिले में भाइयों की लंबी उम्र की कामना के साथ ही गोवर्धन पूजा संपन्न हो गई। इसके साथ ही दीपावली का पंच पर्व भी संपन्न हो गया।
आपको बता दें कि गोवर्धन के दिन पूर्वांचल में महिलाएं अपने भाइयों की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। इस दिन गांव में किसी एक जगह इकट्ठी होकर महिलाएं गोबर से लीप पोत कर गोबर से ही गोवर्धन की मूर्ति बनाती हैं। इसके साथ ही घरेलू उपयोग की सामग्री ओखल, मूसल, जांता,चक्की, सील, लोढ़ा,सांप बिच्छू की प्रतिकृतियां भी गोबर से ही बनाती हैं। उसके बाद हाथों में विभिन्न प्रकार के कांटो और घास फूस को लेकर भाइयों को श्राप देते हुए गोवर्धन कूटती हैं और उनकी लंबी आयु की प्रार्थना भी करती हैं। भाइयों को समर्पित यह त्योहार बहनें बिना अन्न जल ग्रहण किए ही करती हैं। गोवर्धन कूटने के पश्चात कुश में गांठ जोड़कर उनकी लंबी उम्र की प्रार्थना करने के बाद ही बहाने अन्न जल ग्रहण करती हैं। व्रत खोलने के लिए आज के दिन पूड़ी और बखीर( गुड़ वाला चावल) बनाया जाता है। इस व्रत की संपन्नता के साथ ही पांच दिन का दीपावली पर्व समाप्त हो जाता है।
Published on:
02 Nov 2024 03:13 pm
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