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‘दुनिया समझ रही थी कि कश्ती…’ इस शेर का मतलब क्या है, जिससे कोडवर्ड की तरह मैसेज दे देता है मुख्तार

Mukhtar Ansari: मुख्तार अंसारी की छवि एक बाहुबली नेता की रही है। वो करीब 16 साल से जेल में है।

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मऊ

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Rizwan Pundeer

Apr 24, 2023

mukhtar ansari

मुख्तार अंसारी कोर्ट में पेशी के दौरान, मुख्तार कई गंभीर मामलों में जेल में बंद है।

पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी इन दिनों काफी चर्चा है। इसकी वजह उसका प्रदेश सरकार की माफियाओं की लिस्ट में नाम होना है। मुख्तार के कई मुकदमों में भी फैसला आना है, इसलिए भी उसकी चर्चा है। इस बीच मुख्तार का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल है, जिसमें वो एक शेर सुना रहा है।

मुख्तार अंसारी अपनी पेशी के दौरान एक शेर अक्सर पढ़ता है। मीडिया के लोग सवाल करते हैं तो उसकी ओर से सिर्फ दो मिसरे आते हैं। ये हैं-
तूफान कर रहा था मेरे अज्म का तवाफ,
दुनिया समझ रही थी कश्ती भंवर में है।


शेर का मतलब क्या है?
मुख्तार अंसारी दरअसल इस शेर के जरिए ना सिर्फ अपने समर्थकों बल्कि विरोधियों के लिए भी एक मैसेज देता है। ये कैसे होता है इसके लिए इस शेर का मतलब सबसे पहले समझना होगा। शेर में इस्तेमाल हुए शब्दों में अज्म का मतलब हौसला, तवाफ का मतलब परिक्रमा और भंवर का मतलब मुश्किल से है।

शेर कहता है कि तूफान के समय कश्ती लिए समंदर में जा रहा एक शख्स इतना हिम्मती है कि तूफान उसकी परिक्रमा कर रहा है, यानी उसको पूजनीय समझ रहा है। दूसरे से देखने वालों को लग रहा है कि ये आदमी तूफान में फंस गया है और शायद डूब जाएगा।


समर्थकों और विरोधियों दोनों के लिए कैसे संदेश
मुख्तार इस शेर के जरिए समर्थकों में जोश भरने की कोशिश करता है। वो बताता है कि मेरा हौसला डिगा नहीं है। कश्ती को भंवर में देखकर यानी मुझे जेल में देखकर कमजोर नहीं पड़ना है। वहीं विरोधियों के लिए मैसेज होता है कि इतने लंबे समय जेल में रहने के बावजूद मैं टूटा नहीं हूं। मुख्तार इसीलिए इस शेर का सहारा अपनी पेशी के दौरान लेता है।

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