
मऊ नगर पालिका, Pc: पत्रिका
Mau news: मऊ नगर पालिका परिषद की मंगलवार को हुई बोर्ड बैठक उस समय हंगामे में तब्दील हो गई, जब सभासदों ने खुले मंच से कैमरे के सामने ही “कमीशन राज” की परतें उधेड़ दीं। सबसे तीखा हमला सभासद अब्दुल सलाम ने बोला, जिन्होंने नगर विकास मंत्री, ईओ और चेयरमैन पर सार्वजनिक रूप से 5–5 प्रतिशत कमीशन लेने का आरोप जड़ दिया।
सभासद सलाम ने कहा, “मऊ नगर पालिका में कोई भी टेंडर सीधा नहीं निकलता। पहले वह मंत्री जी के ‘दरबार’ में पहुंचता है। वहां से पास होने के बाद ही कुछ होता है। 70% ठेके मंत्री, उनके भाई और खास लोगों को ही दिए जाते हैं।” उन्होंने आरोप लगाया कि ठेकेदेारों का चयन भी जाति और पहुंच देखकर होता है — “बलिया, देवरिया, आजमगढ़ से आए ऊंची जाति के भूमिहार-पंडित ठेकेदार ही ठेके उठाते हैं।” कटाक्ष भरे लहजे में उन्होंने पूछा, "तो क्या हम सभासद यहां केवल हाथ उठाने के लिए बैठे हैं?" उन्होंने चुनौती देते हुए जोड़ा — “जो कुछ भी कहा, वह 100% सच है। मंत्री जी से पूछ लीजिए।”
सियासी तीर सीधे नगर विकास मंत्री ए.के. शर्मा, परिवार और उनके करीबियों पर छोड़े गए। सवाल उठने लगे हैं कि क्या मऊ नगर पालिका में टेंडर जाति और पहुंच के आधार पर बांटे जा रहे हैं?
वहीं, बैठक में मौजूद अन्य सभासद सत्यप्रकाश और राजीव सैनी ने मंत्री का पक्ष लेते हुए नगर पालिका अध्यक्ष अरशद जमाल पर पलटवार किया। आरोप लगाया कि अध्यक्ष खुद 25% कमीशन लेकर अपने ठेकेदारों को काम दिलाते हैं। उन्होंने कहा, “अल्पमत में होते हुए भी जबरन सभी प्रस्ताव पास कर लिए जाते हैं और बैठक बीच में छोड़ दी जाती है। ठेकेदार सफेद बालू से घटिया काम कराते हैं, और जब हम शिकायत करते हैं तो हम पर ही कमीशन मांगने का आरोप लगा दिया जाता है।”
गौरतलब है कि कैमरे पर रिकॉर्ड हुआ यह ‘कमीशन कांड’ मऊ की राजनीति में भूचाल ला सकता है। अब निगाहें इस पर टिकी हैं कि क्या मंत्री ए.के. शर्मा और शासन इस पर कोई कार्रवाई करेंगे, यह सब कुछ फाइलों में ही दब जाएगा?
Published on:
16 Jul 2025 01:27 pm
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