महंगाई और जीएसटी में व्याप्त कमियों के खिलाफ भारत बंद जारी। 40 हजार कारोबारी संगठनों ने बंद का समर्थन किया।
नई दिल्ली। पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी और जीएसटी की कमियों के खिलाफ देशभर के व्यापारी संगठनों का शुक्रवार सुबह छह बजे से भारत बंद जारी है। बताया जा रहा है कि इस भारत बंद में करीब आठ करोड़ कारोबारी शामिल होंगे। भारत बंद को 40 हजार व्यापारिक संगठनों ने अपना समर्थन दिया है।
शाम आठ बजे तक चक्का जाम
सड़क परिवहन क्षेत्र की सर्वोच्च संस्था ऑल इंडिया ट्रांसपोटर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने इसके समर्थन में सुबह 6 बजे से लेकर शाम 8 बजे तक चक्का जाम का ऐलान किया है। ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता महेंद्र आर्य ने कहा है कि सभी राज्य स्तरीय परिवहन संघों ने भारत सरकारकी ओर से लाए गए नए ई-वे बिल कानूनों और पेट्रो-डीजल की बढ़ती कीमतों के विरोध में परिवहन का संचालन न करने के हमारे ऐलान को समर्थन दिया है। हम एक दिन के लिए सभी ई-वे बिल वाले सामान का परिचालन रोकने के मकसद से आंदोलन कर रहे हैं।
इन सेवाओं पर पड़ेगा असर
देशभर में कमर्शियल बाज़ार बंद रहेंगे। सड़क परिवहन सेवाएं प्रभावित रह सकती हैं। बुकिंग के साथ ई-बिल वाली वस्तुओं की आवाजाही प्रभावित होगी। चार्टर्ड एकाउंटेंट्स और कर अधिवक्ताओं के संघ ने भी हड़ताल का समर्थन किया है। इसलिए उनकी सेवाएं भी प्रभावित रहने की संभावना है। आज कोई भी व्यापारी जीएसटी पोर्टल पर लॉगइन नहीं करेगा। होलसेल एवं रिटेल बाजार पूरी तरह से बंद रहेंगे।
इसके इतर ज्यादातर व्यापारियों का कहना है कि परिवहन व्यवस्था पर खास असर नहीं पड़ेगा। केवल व्यावसायिक गतिविधियां प्रभावित रहने की संभावना है।
इन सेवाओं को बंद से छूट
लेकिन आवश्यक वस्तुओं की बिक्री करने वाली दुकानों को बंद में शामिल नहीं किया गया है। रिहायशी कॉलोनियों में लोगों की जरूरतों को पूरा करने वाली दुकानें भी बंद से बाहर रहेंगी। खाने-पीने के जरूरत सामानों की आवाजाही को बंद से बाहर रखा गया है। इसके अलावा इमरजेंसी सेवा हैसे एम्बुलेंस, मरीजों की आवाजाही, अस्पताल, मदर डेयरी काउंटर, होटल और रेस्टोरैंट आदि को बंद से बाहर रखा गया है।
देशभर में 1500 स्थानों पर धरना
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया है कि दिल्ली सहित देशभर में 1500 स्थानों पर आग्रह धरना आयोजित होंगे। आज के दिन कोई भी व्यापारी जीएसटी पोर्टल पर लॉग इन नहीं करेगा। कई जिलों में वे संबंधित अधिकारियों को केंद्र और राज्य सरकार के लिए अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपेंगे।