अब्दुल कलाम विशेष: पांचवीं में शिक्षक से मिली प्रेरणा
अब्दुल
कलाम “एयरोस्पेस टेक्नोलॉजी” में आए, तो इसके पीछे उनके पांचवीं कक्षा के शिक्षक
“सुब्रहमण्यम अय्यर” की प्रेरणा थी
नई दिल्ली। अब्दुल कलाम “एयरोस्पेस टेक्नोलॉजी” में आए, तो इसके पीछे उनके पांचवीं कक्षा के शिक्षक “सुब्रहमण्यम अय्यर” की प्रेरणा थी। कलाम के शब्दों में…
“वे हमारे स्कूल के अच्छे शिक्षकों में से एक थे। एक बार उन्होंने कक्षा में बताया कि पक्षी कैसे उड़ता है? मैं यह नहीं समझ पाया था, इस कारण मैंने इनकार कर दिया था। तब उन्होंने कक्षा के अन्य बच्चों से पूछा तो अधिकांश ने इनकार ही किया, लेकिन इस उत्तर से अय्यरजी विचलित नहीं हुए। अगले दिन वे हमें समुद्र के किनारे ले गए। उस प्राकृतिक दृश्य में कई प्रकार के पक्षी थे, जो सागर के किनारे उतर रहे थे और उड़ रहे थे। तत्पश्चात उन्होंने समुद्री पक्षियों को दिखाया, जो 10-20 के झुंड में उड़ रहे थे।
उन्होंने समुद्र के किनारे मौजूद पक्षियों के उड़ने के संबंध में प्रत्येक क्रिया को साक्षात अनुभव के आधार पर समझाया। हमने बारीकी से पक्षियों के शरीर की बनावट के साथ उनके उड़ने का ढंग भी देखा। इस प्रकार हमने व्यावहारिक प्रयोग के जरिए सीखा कि पक्षी किस प्रकार उड़ पाने में सफल होता है। इसी कारण हमारे ये अध्यापक महान थे।
वे चाहते तो हमें मौखिक रूप से समझाकर ही अपने कर्तव्य की इतिश्री कर सकते थे, लेकिन उन्होंने हमें व्यावहारिक उदाहरण के माध्यम से समझाया। मेरे लिए यह मात्र पक्षी की उड़ान तक की ही बात नहीं थी। पक्षी की वह उड़ान मुझमें समा गई थी। मुझे महसूस होता था कि मैं रामेश्वरम के समुद्र तट पर हूं। उस दिन के बाद मैंने सोच लिया था कि मेरी शिक्षा किसी न किसी प्रकार के उड़ान से संबंधित होगी। उस समय तक मैं नहीं समझा था कि मैं “उड़ान विज्ञान” की दिशा में अग्रसर होने वाला हूं। वैसे उस घटना ने मुझे प्रेरणा दी थी कि मैं अपनी जिंदगी का कोई लक्ष्य निर्धारित करूं। उसी समय मैंने तय कर लिया था कि उड़ान में कॅरियर बनाऊंगा।
Home / Miscellenous India / अब्दुल कलाम विशेष: पांचवीं में शिक्षक से मिली प्रेरणा