केंद्र सरकार के दफ्तरों में शनिवार – रविवार के सालाना 104 अवकाश होते हैं। इसके अलावा तीज – त्योहारों, राष्ट्रीय पर्वों तथा अन्य अवसरों पर लगभग 19 छुट्टियां होती है। यानी दफ्तर साल में लगभग 123 दिन बंद रहते है। इस साल कोरोना के चलते हुए लाॅकडाऊन के कारण लगभग एक महीने सरकारी कार्यालय बंद रहे। इस लिहाज से छुट्टियों की संख्या इस साल 150 से अधिक रही।
केंद्र सरकार के मुकाबले राज्य सरकारों में छुट्टियां अधिक होती हैं। शनिवार – रविवार के 104 दिन के अलावा राजस्थान में इस साल 27 अवकाश घोषित थे। ऐच्छिक और कलेक्टर द्वारा घोषित किए जाने वाले अवकाशों को छोड़ दिया जाए तो ये संख्या 31 होती है। यानी कुल 135। इसमें कोरोना के दौरान बंद रहे दिनों को जोड़ दिया जाए तो ये आकड़ा 160 से 170 दिन का पहुंचता है।
कोरोना के कारण 25 मार्च से 14 अप्रैल तक घोषित 21 दिन के राष्ट्रव्यापी लाॅकडाऊन की वजह से आवशयक सेवाओं को छोड़कर पूरे देश में 21 दिन का अवकाश हो गया। लाॅकडाऊन 2.0 के तहत 15 अप्रैल से 3 मई तक 19 दिवसीय राष्ट्रव्यापी लाॅकडाऊन लगाया गया। इस लाॅकडाऊन के तहत डिप्टी सैकेट्री से ऊपर के अधिकारियों को कार्यालय में जाने के आदेश दिए गए ताकि कामकाज फिर से पटरी पर आ सके। 20 अप्रैल से पूरे देश को तीन जोन में बांटा गया रेड जोन, आरेंज जोन और यैलो जोन। रेड जोन को छोड़कर बाकी जोन में पूरी सावधानी के साथ 33 प्रतिशत की उपस्थिति के साथ कार्यालयों को खोलने की अनुमति दी गयी।
सरकारी अथवा निजी, हर कर्मचारी को प्रतिवर्ष एक निश्चित मात्रा में अवकाश मिलते हैं। जिनकों हम अर्जित, आकस्मिक अवकाश अथवा पेड लीव के नाम से जानते हैं। :- केंद्रीय कर्मचारियों को साल में कई छुट्टियां मिलती हैं जो अन्य सभी अवकाश से अलग होती हैं।
ये अवकाश तीन श्रेणियों में विभाजित होते है।
2) अर्जित अवकाश – 30 दिन
3) हाफ पे लीव – 20 दिन ( इसमें कर्मचारियों को आधे दिन का ही वेतन मिलता है। )