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Army Chief MM Narvane बोले – एलएसी पर भारतीय सेना हर मुकाबले के लिए तैयार

locationनई दिल्लीPublished: Sep 04, 2020 04:15:52 pm

Submitted by:

Dhirendra

 

Army Chief MM Narvane ने कहा कि सीमा पर भारतीय जवानों का मनोबल आत्मविश्वास से भरा है।
चीन ने युद्ध को न्यौता दिया तो हमारे जवान देंगे मुंहतोड़ जवाब।
सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर समस्या समाधान का प्रयास जारी।

Army Chief MM Narvane

चीन ने युद्ध को न्यौता दिया तो हमारे जवान देंगे मुंहतोड़ जवाब।

नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में चीन के साथ जारी सीमा विवाद के बीच भारतीय सेना के प्रमुख एमएम नरवणे ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि सीमा पर हमारी सेना पूरी तरह से मुस्तैद है। भारतीय सीमा की सुरक्षा के लिए चीन से लगते सीमाई क्षेत्रों में जरूरी संख्या में न केवल सेना के जवान तैनात हैं बल्कि दुश्मन देश के जवानों को मुंहतोड़ जवाब देने में भी सक्षम हैं।
लेह-लद्दाख दौरे पर गए सेना प्रमुख एमएम नरवणे ( Army Chief MM Narvane ) ने सुरक्षा तैयारियों का जायजा लेने के बाद कहा है कि चीन से लगी सीमा पर तैनात भारतीय सेना के जवानों का मनोबल आत्मविश्वास से भरा है। भारतीय सेना किसी भी चुनौती से निपटने को पूरी तरह तैयार है।
एलएसी पर तनाव के हालात

आर्मी चीफ एमएम नरवणे ( Army Chief MM Narvane ) ने कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर स्थिति नाजुक है। इस बात को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं। ताकि हमारी सुरक्षा और अखंडता महफूज रहे।
भारत-चीन सीमा पर सुरक्षा तैयारियों के बाबत उन्होंने कहा कि भारतीय सेना के अधिकारी और जवान विश्व भर में सबसे ज्यादा साहसी और युद्ध के मामले में कुशल हैं। अगर चीन ने सीमा पर युद्ध को न्यौता दिया तो हमारे जवान पीएलए के जवानों को मौत के मुंह में धकेल देश का नाम रौशन करेंगे।
बातचीत के जरिए समाधान का प्रयास जारी

उन्होंने कहा कि सीमा विवाद को लेकर तनाव के बीच दोनों देशों ने बातचीत के जरिए समस्या समाधान का रास्ता खोल रखा है। चुशूल-मोल्डो बॉर्डर पर ब्रिगेडियर स्तर की बातचीत हुई है। हालांकि, अभी तक बातचीत में समस्या समाधान का रास्ता साफ नहीं हुआ है।
चीन की नीयत में खोट

बता दें कि 5 मई, 2020 के बाद से पूर्वी लद्दाख से लगे वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन के बीच सीमा विवाद जारी है। सीमा विवाद को लेकर दोनों देश के बीच कई दौर की सैन्य और कूटनीतिक वार्ता के बावजूद समस्या का समाधान नहीं निकल सका है। हालांकि गलवान हिंसा के बाद कुछ क्षेत्रों में चीन ने कुछ क्षेत्रों से पीएलए के जवानों की वापसी हुई। लेकिन पैंगोंग त्सो व अन्य क्षेत्रों से चीन ने पीछे हटने से इनकार कर दिया। उसके बाद से एक बार फि दोनों देश की सेना सीमा पर तैनात हैं और तनाव की स्थिति बनी हुई है।
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