बदलाव के तहत सेना टनल के अंदर 72 मीटर पर एक ड्रिल कर रही है। यह ड्रिल करीब 16 मीटर नीचे की तरफ किया जा रहा है। ड्रिल सीधा इस टनल के नीचे से गुजर रही एक दूसरी टनल में जाकर निकलेगा। जहां पर इन सभी मजदूरों और प्रोजेक्ट मैनेजर के फंसे होने की पूरी आशंका है। गुरुवार तड़के तीन बजे इस ऑपरेशन को शुरू किया गया।
सेना ने पहले 75 एमएम का ड्रिल बनाना शुरू किया लेकिन सेना को उसमें दिक्कत आई। अब करीब 50 मिलीमीटर का ड्रिल बनाया जा रहा है। सेना के सूत्रों के मुताबिकए 1 मीटर ड्रिल करने के बाद ही कुछ दिक्कतें आई। जिसके बाद अब दोबारा से ड्रिलिंग का काम शुरू कर दिया है। ड्रिलिंग पूरी होते ही एक कैमरा इस ड्रिल के जरिए नीचे दूसरी टनल तक पहुंचाया जाएगा और फिर देखा जाएगा कि उस टनल के क्या हालात है। टनल में फंसे लोग सुरक्षित हैं या नहीं।