कोरोना काल के कारण राज्य में इस साल सादगीपूर्ण तरीके से इसका आयोजन किया गया। संक्रमण के कारण राज्य सरकार ने यहां पर कई पाबंदियां लगा रखी हैं। यहां पर किसी तरह का जश्न पर पाबंदी लगाई गई है। तेलंगाना की स्थापना दो जून 2014 करी गई थी। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और पीएम नरेंद्र मोदी ने भी राज्य के लोगों को इस मौके पर शुभकामनाएं दीं।
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राज्य के लोगों को बधाई दी
पीएम ने ट्वीट कर कहा कि तेलंगाना के लोगों के अच्छे स्वास्थ्य एवं कुशलता की प्रार्थना करता हूं। उपराष्ट्रपति एम वेकैया नायडू ने भी राज्य के लोगों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि तेलंगाना में सदियों पुरानी परंपराएं अस्तित्व में हैं। यह अपने समृद्ध इतिहास, विविधतापूर्ण सांस्कृतिक विरासत तथा वास्तु भव्यता के लिए जाना जाता है। नायडू ने कहा कि राज्य और उसके सक्षम लोगों ने राष्ट्र के विकास में अहम योगदान दिया है।
सात वर्षों की छोटी अवधि में बेहतरीन प्रदर्शन
तेलंगाना स्थापना दिवस पर सीएम राव ने लोगों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि राज्य ने सात वर्षों की छोटी अवधि में सभी क्षेत्रों में बेहतरीन प्रदर्शन किया, मजबूत नींव रखी और स्थिरता कायम की। राव ने कहा, सिंचाई और पेयजल, बिजली, चिकित्सा और स्वास्थ्य, सड़कें और अन्य सभी बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। ये अल्पकालिक और दीर्घकालिक लक्ष्यों को पूरा करती हैं।
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तेलंगाना की स्थापना
दो जून को तेलंगाना राज्य के स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है। राज्य के गठन का प्रस्ताव पूर्व पीएम प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल तैयार हुआ था। इस प्रस्ताव को दोनों संसदों में वर्ष 2013 में लाया गया था। अंत में 2 जून 2014 को तेलंगाना का अलग राज्य का दर्जा प्राप्त हुआ। इसके बाद से के.चंद्रशेखर राव पहले सीएम बने और ई एस एल नरसिम्हन राज्य के पहले राज्यपाल बनाए गए। तेलंगाना में मुख्य रूप से तेलुगु बोली जाती है। तेलुगू के अंगाना शब्द से मिलकर बने तेलंगाना का अर्थ होता है ‘ऐसी जगह जहां तेलुगू बोली जाती है।’