नाबालिग जमाती भी आए थे Nizamuddin Markaz एक मीडिया हाउस के मुताबिक, दिल्ली स्थित निजामु्द्दीन मरकज ( Nizamuddin Markaz ) में अलग-अलग देशों से काफी संख्या में नाबालिग जमाती शामिल हुए थे। इनकी उम्र से 15 से लेकर 18 साल के बीच बताई जा रही है। रिपोर्ट में ये बताया गया है कि केन्द्र सरकार ( Central Government ) ने इन नाबालिग जमातियों को लेकर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है। साथ ही इनके खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल नहीं की गई है। बताया जा रहा है कि दिल्ली पुलिस ने गृह मंत्रालय ( Home Ministry ) को इसके बारे में चिट्ठी लिखकर जानकारी दे दी है। फिलहाल, इस मामले में विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय के फैसले का इंतजार किया जा रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली हाईकोर्ट ( Delhi High Court on Tablighi Jamaat ) के आदेश के बाद इन नाबालिग जमातियों को दिल्ली मे बनाए गए सेंटर्स में रखा गया है।
16 से ज्यादा नाबालिग जमाती अलग-अलग देशों से आए थे एक रिपोर्ट के अनुसार, क्राइम ब्रांच ( Crime Branch ) के एक अधिकारी का कहना है कि 16 से ज्यादा नाबालिग जमाती निजामुद्दीन मरकज (Tablighi Jamaat in Nizamuddin Markaz ) आए थे। इनमें नेपाल ( Nepal ) के 10 जमाती, मलेशिया ( Malaysia ) के तीन बाकी के कजागिस्तान ( Kazakhstan ) और अन्य देशों से आए थे। अधिकारी का कहना है कि ये नाबालिग या तो परिजन या फिर धर्मगुरुओं के साथ आए थे। रिपोर्ट में कहा गया है सभी नाबालिग जमाती काफी दिनों तक मरकज में रहे थे। सभी नाबिलगों का पासपोर्ट जब्त कर लिया गया है। अभी दिल्ली पुलिस ने भी इस मामले में कोई फैसला नहीं लिया है। जांच में ये भी सच्चाई सामने आई है कि 24 जनवरी से लेकर 24 मार्च तक विदेशी से जमाती रहे और तकरीबन 2500 से ज्यादा जमाती भारत आए। वहीं, ज्यादातार जमाती अपने देश वापस जा चुके हैं। जो बचे हैं वो क्वारंटाइन सेंटर में हैं। क्राइम ब्रांच ने 956 जमातियों के खिलाफ आठ हजार पेज की चार्जशीट दाखिल की है। फिलहाल, इस पूरे मामले की छानबीन की जा रही है। वहीं, मरकज के मुखिया मौलाना साद को लेकर भी अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है। पुलिस का कहना है कि गृह मंत्रालय पूरे मामले पर नजर बनाए हुए है। गृह मंत्रालय की जांच के बाद ही साद के खिलाफ कोई कार्रवाई की जाएगी। लेकिन, इस नए खुलासे से एक बार फिर हड़कंप मच गया है।