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ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई जयपुर गोल्डन अस्पताल में 21 मौतें! दिल्ली सरकार ने बताई ये वजह

Published: Jul 24, 2021 10:35:22 am

कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान दिल्ली के जयपुर गोल्डन अस्पताल में हुई 21 मौतों की वजह ऑक्सीजन की कमी नहीं, हाईकोर्ट को सौंपी रिपोर्ट में दिल्ली सरकार ने कही ये बात

Delhi Govt submitted a report to HC on the death of 21 corona Patients in Jaipur golden hospital
नई दिल्ली। कोरोना संकट ( coronavirus ) के बीच ऑक्सिजन ( Oxygen Crisis ) की कमी के चलते हुए मरीजों की मौतों पर सियासी घमासान जारी है। इस बीच दिल्‍ली ( Delhi ) के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री सत्‍येंद्र जैन ( Satyendra Jain ) ने जयपुर गोल्डन अस्पताल ( Jaipur Golden Hospital ) में हुई मौतों को लेकर हाईकोर्ट में सौंपी गई रिपोर्ट पर सफाई दी है।
सत्येंद्र जैन ने कहा है कि अस्पताल में कोरोना के 21 मरीजों की मौत से जुड़ी जो रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी गई है, उसे ‘प्राथमिक’ रिपोर्ट माना जाए। दरअसल स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोर्ट को जो रिपोर्ट सौंपी गई थी वो सिर्फ एक दिन में ही तैयार की गई थी। ऐसे में उसमें मौतों की वजह ऑक्सिजन को नहीं बताया गया था।
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रिपोर्ट में ऑक्सिजन की कमी को कारण न बताने की ये वजह
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन से जब ये पूछा गया है कि हाईकोर्ट में सरकार की समिति की ओर से जो रिपोर्ट सौंपी गई उसमें ऐसा क्यों कहा गया कि जयपुर गोल्डन अस्पताल में हुई मौतें ऑक्सि‍जन की कमी के चलते नहीं हुई थीं, तो जैन ने कहा कि, ‘इस मामले में रिपोर्ट एक दिन में सौंपी जानी थी। आप कह सकते हैं कि यह एक प्राथमिक रिपोर्ट है।’
स्वास्थ्य मंत्री ने ये भी बताया कि, अंतिम रिपोर्ट के लिए हमने एक नई समिति गठित की थी ये समिति बत्रा अस्पताल में हुई मौत समेत अन्य तरह की सभी मौतों की जांच करने वाली थी, लेकिन केंद्र सरकार के हस्तक्षेप के बाद समिति को उप राज्यपाल के जरिए भंग करा दिया।
क्या कहती है दिल्ली सरकार की रिपोर्ट
दिल्ली सरकार की ओर से हाईकोर्ट में सौंपी गई रिपोर्ट में विशेषज्ञ समिति के निष्कर्षों का हवाला दिया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, ‘रोग के प्राकृतिक स्वरूप और मौतों का संबंध ऑक्सि‍जन की कमी से होने के बारे में साक्ष्य के अभाव के चलते समिति की यह राय है कि ये मौतें ऑक्सि‍जन की कमी के चलते नहीं हुई है।’
कई गंभीर बीमारियों से जूझ रहे थे मरीज
अदालत में सौंपी गई रिपोर्ट में सरकार ने कहा है कि, जिन मरीजों की मौत हुई है उनमें से कई मरीजों को दिल की बीमारी, डायबिटीज, हाई ब्‍लड प्रेशर आदि जैसे रोग पहले से थे।
ये सभी मरीज अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान किसी न किसी तरह से ऑक्सि‍जन सहायता या वेंटिलेटर पर निर्भर थे।

पहले नकार चुके सत्येंद्र जैन
हाईकोर्ट में सौंपी गई रिपोर्ट में भले ही इस बात से इनकार किया गया हो कि मरीजों की मौत की वजह ऑक्सीजन की कमी नहीं थी, लेकिन हाल में सत्येंद्र जैन ने रिपोर्ट में लिखी बात के उलट बयान दे चुके हैं।
उन्होंने कहा था कि दिल्ली और देशभर में अन्य स्थानों पर ऑक्सि‍जन की कमी के चलते कोविड के कई मरीजों की मौत हुई। यह कहना सरासर झूठ है कि जीवन रक्षक वायु (Oxygen) की कमी के चलते किसी की मौत नहीं हुई।
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दरअसल उन्होंने राज्यसभा में इस संबंध में दिए केंद्र के एक बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए ये बात कही थी।
बता दें कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान 23 अप्रैल को उत्तर पश्चिम दिल्ली के जयपुर गोल्डन अस्पताल में कथित तौर पर ऑक्सि‍जन की कमी के चलते गंभीर रूप से बीमार 21 संक्रमितों की मौत हो गई थी।
इसके अलावा तुगलकाबाद इलाके में स्थित बत्रा अस्पताल में भी ऑक्सि‍जन की कथित कमी की वजह से ही एक मई को कोरोना संक्रमित आठ मरीजों ने दम तोड़ दिया था।

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