6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

JNU छात्र उमर खालिद को राहत, हाईकोर्ट ने शुक्रवार तक कड़ी कार्रवाई पर लगाई रोक

उमर खालिद को 2016 में एक कार्यक्रम के दौरान भारत विरोध नारे लगाने के संबंध में यूनिवर्सिटी के एक पैनल ने विश्वविद्यालय से निष्कासित कर दिया था और साथ में जुर्माना भी लगाया था।

2 min read
Google source verification

image

Chandra Prakash Chourasia

Jul 19, 2018

Umar Khalid

JNU छात्र उमर खालिद को राहत, हाईकोर्ट ने शुक्रवार तक कड़ी कार्रवाई पर लगाई रोक

नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) को छात्र उमर खालिद को दिल्ली हाईकोर्ट से थोड़ी राहत मिली है। सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल ने कहा, 'जेएनयू याचिकाकर्ता उमर खालिद के खिलाफ शुक्रवार तक कोई सख्त कदम नहीं उठाया जाएगा। अदालत ने जेएनयू और अन्य को नोटिस भी जारी किया और छात्र की याचिका पर प्रतिक्रिया मांगी। मामले की सुनवाई के लिए शुक्रवार का दिन निर्धारित किया।

विश्वविद्यालय के आदेश को दी थी चुनौती

उमर खालिद को 2016 में एक कार्यक्रम के दौरान भारत विरोध नारे लगाने के संबंध में यूनिवर्सिटी के एक पैनल ने विश्वविद्यालय से निष्कासित कर दिया था और साथ में जुर्माना भी लगाया था। न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल का आदेश विश्वविद्यालय के आदेश को चुनौती देने वाली खालिद की याचिका सुनवाई करने पर आया है, जिसने उसके खिलाफ जुर्माना लगाया है।

यह भी पढ़ें: मानसून सत्र: राजनाथ सिंह बोले- पहले भी होती थी मॉब लिंचिंग, फेक न्यूज से बढ़ गई

शुक्रवार को फिर होगी सुनवाई

खालिद के वकील ने अदालत से कहा कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र संघ के पूर्व नेता कन्हैया कुमार ने भी अदालत से संपर्क किया है और उनके मामले की सुनवाई भी शुक्रवार के लिए निर्धारित की गई है। कुमार ने याचिका में चार जुलाई को चीफ प्रॉक्टर के जरिए जेएनयू के आदेश को रद्द करने की मांग की है। जेएनयू ने चार जुलाई के आदेश के तहत कुमार और अन्य को जेएनयू के छात्रों के अनुशासन और उचित आचरण के तहत दोषी ठहराया और जुर्माना लगाया था।

'राष्ट्र विरोधी' नारे लगाने का आरोपी

गौरतलब है कि 11 फरवरी 2016 को गठित उच्चस्तरीय समिति की जांच रिपोर्ट के आधार पर अदोश जारी किया गया था। जांच में छात्र एवं कार्यकर्ता उमर खालिद, कन्हैया कुमार और अनिर्बान भट्टाचार्य को फरवरी 2016 की घटना में दोषी पाया गया, जिसमें युवकों के एक समूह ने कथित रूप से 'राष्ट्र विरोधी' नारे लगाए थे। इसने अनुशासनिक मानदंडों का उल्लंघन करने के आरोप में 13 अन्य छात्रों पर जुर्माना लगाने के अलावा उमर खालिद के निष्कासन की भी सिफारिश की थी।

अबतक नहीं दायर हुआ आरोप पत्र

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के छात्र विंग के सदस्य कन्हैया कुमार उस साल विश्वविद्यालय के छात्र संघ के अध्यक्ष थे। इन तीनों पर नौ फरवरी 2016 को जेएनयू परिसर में साबरमती ढाबा में छात्र कविता पाठ के दौरान भारत की अखंडता के खिलाफ नारे लगाने का आरोप है। हालांकि पुलिस ने किसी के खिलाफ आरोपपत्र दायर नहीं किया है।


बड़ी खबरें

View All

विविध भारत

ट्रेंडिंग