13 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

कश्मीर घाटी में सेना ने इतने आतंकियों को किया ढेर कि अब कब्रगाह में कम पड़ने लगी जगह

कश्मीर में सेना ने इतने आतंकियों को ढेर कर दिया है कि अब कब्रगाह में उन्हें दफनाने के लिए जगह कम पड़ रही है।

2 min read
Google source verification

image

ashutosh tiwari

Nov 26, 2017

Pakistan,Kashmir,encounter,Army,PoK

नई दिल्ली। कश्मीर घाटी में सेना का ऑपरेशन ऑल आउट कामयाब होता दिख रहा है। इसके तहत सेना ने इतने आतंकियों को ढेर कर दिया है कि अब कब्रगाह में उन्हें दफनाने के लिए जगह कम पड़ रही है। दरअसल 2015 में सेना ने कश्मीर में तत्कालीन लश्कर कमांडर अबू कासिम को ढेर किया था। इस दौरान उसके जनाजे में हजारों की संख्या में लोग जुटे थे। तब प्रशासन और पुलिस ने ये फैसला किया था कि किसी भी विदेशी आतंकी का शव स्थानीय लोगों को नहीं सौंपा जाएगा। इसके बाद सुरक्षा एजेंसियों ने उत्तरी कश्मीर के बारामुला जिले के गंटामुला शीरि में एक कब्रगाह का चयन किया था। वहां पर स्थानी औकाफ बोर्ड की मदद से विदेशी आतंकियों को दफनाया जा रहा था। लेकिन इस साल सेना ने अब तक 100 से ज्यादा विदेशी आतंकियों को ढेर कर दिया है। ऐसे में अब गंटामुला शीरि में उन्हें दफनाने की जगह कम पड़ने लगी है।

पाकिस्तान नहीं लेता है अपने आतंकियों का शव
आपको बता दें कि कश्मीर घाटी में मारे गए ज्यादातर आतंकी पाकिस्तान के होते हैं। भारतीय सेना विदेशी आतंकियों के मारे जाने के बाद उनकी पहचान कर पाकिस्तानी एजेंसियों को सूचित करती है, लेकिन पाकिस्तान के अधिकारी उन्हें अपने देश का नागरिक मानने से इनकार कर देते हैं। जिस वजह से उन्हें कश्मीर की कब्रगाहों में ही दफनाया जाता है।

ट्रेनिंग नहीं मिलने से कमजोर पड़े आतंकी
सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल करीब 70 युवाओं ने अलग-अलग आतंकी संगठनों का हाथ थामा है, लेकिन ट्रेनिंग की कमी की वजह से वे कमजोर नजर आ रहे हैं। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक ऐसे आतंकियों का सफाया करने में सेना को आसानी हो रही है। आपको बता दें कि पहले आतंकी संगठन कश्मीरी नौजवानों को सीमा पार ट्रेनिंग के लिए भेजते थे, लेकिन अब एलओसी पर सेना की चौकसी बढ़ जाने से पीओके जाकर ट्रेनिंग लेना और वापस लौटना बहुत मुश्किल हैं। बहुत सारे आतंकी सीमा पार करते वक्त या फिर वापस आते ही ढेर कर दिए जाते हैं। जिस वजह से अब नए आतंकियों को पाकिस्तान ट्रेनिंग नहीं दे पा रहा है।