
नई दिल्ली। पाकिस्तान के इस्लामाबाद समेत कई शहरों में उग्र प्रदर्शन जारी है। इस बीच अपनी नाकामियों को सुधारने के बजाए पाकिस्तान सरकार ने प्रदर्शन के लिए जिम्मेदार भारत को ठहराया है। पाकिस्तान के गृहमंत्री हसन इकबाल ने एक स्थानीय समाचार पत्र को दिए इंटरव्यू में कहा कि जो धार्मिक पार्टियां प्रदर्शन में शामिल हैं उन्होंने पहले भारत से संपर्क किया था। प्रदर्शन कर रहे लोग साधारण नहीं है। पाकिस्तान सरकार इस बात की जांच करने में जुटी है कि ऐसा क्यों हो रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे पास प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए तमाम संसाधन मौजूद हैं।
क्या है पूरा मामला?
आपको बता दें कि प्रदर्शन उस समय शुरू हुआ जब रसूल अल्लाह नाम के एक इस्लामिक संगठन ने एक चुनाव अधिनियम के कुछ प्रावधानों को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू किया था। हालांकि लोगों की तीखी प्रतिक्रिया के बाद अधिनियम से विवादित बातों को हटा दिया गया। इस बीच पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए प्रदर्शनकारियों द्वारा लगाए गए तंबुओं को उखाड़ फेंका और लोगों को खदेड़ना शुरू कर दिया। जानकारी के मुताबिक इस प्रदर्शन और हिंसक घटनाओं के कारण रावलपिंडी में होने वाले नेशनल टी-20 कप का मैच भी टाल दिया गया है। खबरों के मुताबिक अपनी मांगों को पूरा कराने के लिए प्रदर्शनकारी किसी भी हद तक जाने को तैयार थे। पुलिस को प्रदर्शनकारियों के पास से भारी संख्या में लाठी-डंडे और पत्थर मिले हैं। हालांकि पुलिस ने जिस समय अपनी कार्रवाई शुरू की उस समय प्रदर्शनकारियों की संख्या काफी कम थी, लेकिन जैसे ही दोनों के बीच टकराव शुरू हुआ तब वहां भारी संख्या में लोगों पहुंचे।
लाइव टेलीकॉस्ट पर रोक
वहीं सरकार ने बढ़ते हिंसक प्रदर्शनों को देखते हुए लाइव टेलीकॉस्ट पर रोक लगा दी है। सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक प्रदर्शनकारियों को काबू करने के लिए आंसू गैस के गोले का प्रयोग किया जा रहा है। उग्र प्रदर्शनकारियों ने निगरानी करने वाले कैमरों की फाइबर केबल काट दी थी।
Updated on:
25 Nov 2017 09:36 pm
Published on:
25 Nov 2017 09:34 pm
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