script15 अगस्त 1947: देश जश्न मना रहा था, बापू भूखे-प्यासे भटक रहे थे | India was celebrating Independence Day Bapu was wandering hungry | Patrika News

15 अगस्त 1947: देश जश्न मना रहा था, बापू भूखे-प्यासे भटक रहे थे

Published: Aug 15, 2019 02:50:49 pm

Independence Day पर दिल्ली में नहीं थे बापू
बुलाने पर भी 15 August 1947 को दिल्ली नहीं आए महात्मा गांधी
कुर्बानी बड़ी याद छोटी

Mahatma Gandhi
नई दिल्ली। पूरा देश इस वक्त आजादी के 73वें वर्ष का जश्न ( Independence Day 2019 ) मना रहा है। हर कोई नीले आसमान के नीचे स्वतंत्र सांसें ले रहा है। ना कोई बंधन ना कोई रोक-टोक हर किसी को हर चीज की आजादी है। लेकिन इस आजादी को हांसिल करने के लिए देश के वीरों ने अपने प्राणों की आहुती हंसते-हंसते दे डाली।
आजादी बड़ी-यादें छोटी
वीरों की शहादत से देश को आजादी तो बड़ी मिली, लेकिन यादें छोटी हैं। जब भी आजादी की बात आती है तो महात्मा गांधी ( Mahatma Gandhi ) का नाम जरूर याद आता है, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं किस जिस दिन देश आजाद हुआ। उस दिन बापू ( Bapu ) इस जश्न में शामिल नहीं हुए। बल्कि भूखे और प्यास बैठे थे।
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bapu
दिल्ली में ही नहीं थे बापू
आजादी की लड़ाई में सबसे अहम योगदान महात्मा गांधी का था, लेकिन शायद ही आपको पता हो कि जब देश आजाद घोषित किया गया, उस समय महात्मा गांधी दिल्‍ली में ही नहीं थे।
बंगाल में कर रहे थे अनशन
देश की आजादी के जश्न के वक्त महात्मा गांधी 15 अगस्त 1947 को बंगाल के नोआखली में थे।

बापू यहां हिंदू-मुसलमानों के बीच सांप्रदायिक हिंसा को रोकने के लिए अनशन पर बैठ थे।
जब पूरा देश आजादी के जश्न में डूबा था उस वक्त महात्मा गांधी भूखे और प्यासे थे। अनशन पर होने की वजह से उन्होंने कुछ भी खाया नहीं था।

Nehru
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मध्यरात्रि से पहले ही सो गए बापू
14 अगस्त की मध्यरात्रि को जवाहर लाल नेहरू ने अपना ऐतिहासिक भाषण ‘ट्रिस्ट विद डेस्टनी’ दिया। उस वक्त इस भाषण को पूरी दुनिया ने सुना था,

लेकिन महात्मा गांधी ने इसे नहीं सुना क्योंकि उस दिन वे जल्दी सोने चले गए थे।
नेहरू से ये कहा था बापू ने
महात्मा गांधी को जब बताया गया कि 14 अगस्त की मध्यरात्रि को देश आजाद हो जाएगा और इसके जश्न में आपको शामिल होना है तो उन्होंने भी जवाब में एक खत लिखा।
इसके जरिए कहा था, जब हिंदु-मुस्लिम एक-दूसरे की जान ले रहे हैं, ऐसे में मैं जश्न मनाने के लिए कैसे आ सकता हूं’।

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