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Indian Railways: ट्रेन कितनी लेट है और कितनी देर में आएगी? अब ISRO देगा सटीक जानकारी

-Indian Railways: अगर आपकी ट्रेन ( Train ) लेट हो गई है और कितनी देर बाद में स्टेशन ( Railway Station ) पर पहुंचेगी। -अब इसकी सटीक जानकारी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ( ISRO ) की मदद से मिल सकेगी। -भारतीय रेलवे ( IRCTC ) अपने ट्रेनों में नेशनल ट्रेन इंक्वायरी सिस्टम ( National Train Inquiry System ) को अपग्रेड कर रहा है। -जिससे ट्रेनों की रियल टाइम इंफॉर्मेशन सिस्टम की जानकारी मिल सकेगी।

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Indian Railways train live running status enquiry from isro satellite

Indian Railways: ट्रेन कितनी लेट है और कितनी देर में आएगी? ISRO देगा सटीक जानकारी

नई दिल्ली।
Indian Railways: अगर आपकी ट्रेन ( Train ) लेट हो गई है और कितनी देर बाद में स्टेशन ( Railway Station ) पर पहुंचेगी। अब इसकी सटीक जानकारी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ( ISRO ) की मदद से मिल सकेगी। भारतीय रेलवे ( IRCTC ) अपने ट्रेनों में नेशनल ट्रेन इंक्वायरी सिस्टम ( National Train Inquiry System ) को अपग्रेड कर रहा है। जिससे ट्रेनों की रियल टाइम इंफॉर्मेशन सिस्टम (आरटीईएस) की जानकारी मिल सकेगी। रेलवे के मुताबिक, ट्रेन के इंजन में एक खास डिवाइस ( GPS Device ) लगाई जाएगी, जो जीपीएस की मदद से ट्रेनों की गति पढ़कर अपडेट जारी करेगी। यह जीपीएस इसरो के सैटेलाइट ( ISRO Satellite ) से भी जुड़ा होगा, जो हर पल ट्रेनों की स्थिति की सटीक जानकारी देगा।

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इसरो के सैटेलाइट से जुड़ेंगे जीपीएस
भारतीय रेलवे के सभी इंजन जीपीएस से ऑनलाइन किए जाएंगे। रेलवे ने इंजनों में जीपीएस लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। रिपोर्ट के मुताबिक, प्रथम चरण में 2700 इलेक्ट्रिक इंजन जुड़कर कार्य करने लगे हैं। इसके अलावा 3800 डीजल इंजन को जोड़ने की प्रक्रिया चल रही है। रेलवे ने दूसरे चरण में करीब छह हजार इंजनों को जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। दिसंबर 2021 तक देश की सभी ट्रेनें जीपीएस से जुड़ जाएगी।

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अभी ऐसे काम करता है ट्रेन इंक्वायरी सिस्टम
बता दें कि यात्रियों को अभी ट्रेनों की सटीक जानकारी नहीं मिल पाती। नेशनल ट्रेन इंक्वायरी सिस्टम पर भी विलंबित, मार्ग परिवर्तित, निरस्त और स्पेशल ट्रेनों की सही सूचना समय पर नहीं मिलती। फिलहाल रेलवे की ओर से ट्रेनों की लोकशन स्टेशन से स्टेशन जानकारी दे पाता है। लेकिन, रेलवे ने अब अपग्रेड सिस्टम शुरू कर दिया है। जिससे वास्तविक टाइमिंग पता चलेगा। साथ ही ट्रेन कहां और कितनी देर में पहुंचेगी। इसरो की मदद से यात्रियों को ट्रेनों के लोकेशन के बारे में हर पल अपडेट जानकारी मिलती रहेगी।