6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

कठुआ गैंगरेप केस में दो पोस्टमार्टम रिपोर्ट का बड़ा खुलासा, नहीं हुआ दुष्कर्म!

दोनों रिपोर्ट अलग—अलग डॉक्टरों की हैं और इसमें काफी अंतर देखने को मिल रहा है। आरोपितों के वकील असीम साहनी ने तथ्य सामने रखे।

3 min read
Google source verification
Kathua gangrape

gangrape

नई दिल्ली। कठुआ गैंगरेप मामले की चार्जशीट में जो साक्ष्य पेश किए गए हैं, उसमें से कई कड़ियां मेल नहीं खाती हैं। हाल ही में सामने आई पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सारे आरोप खारिज होते दिख रहे हैं। कठुआ जिला अस्पताल के मेडिकल सुपरीटेंडेंट की तरफ से स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम (एसआइटी) को दो पोस्टमार्टम रिपोर्ट सौंपी गई है। जबकि अमूमन एक ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट अस्पताल से भेजी जाती है। यह खबर एक प्रमुख मीडिया घराने ने प्रकाशित की, जिसमें दोनों पोस्टमार्टम रिपोर्टों का हवाला दिया गया है.

दोनों रिपोर्ट अलग-अलग डॉक्टरों की हैं और इसमें काफी अंतर देखने को मिल रहा है। ऐसे में मामला काफी गंभीर होता जा रहा है। यह तथ्य तब सामने आए जब आरोपितों के वकील असीम साहनी को कठुआ अस्पताल से दो पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिली। चौंकाने वाला तथ्य यह है कि दोनों रिपोर्टों में कहीं पर भी बच्ची के साथ दुष्कर्म का कोई जिक्र तक नहीं है।

गौरतलब है कि कठुआ ज़िला निवासी एक आठ साल की बच्ची 10 जनवरी 2018 को घोड़े चराने के लिए अपने घर से निकली थी और उसके बाद वो घर वापस नहीं लौट पाई। परिजनों ने इसकी शिकायत हीरानगर पुलिस से की, लेकिन पुलिसवालों ने बच्ची को खोजने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। क़रीब एक सप्ताह बाद 17 जनवरी को जंगल में उस मासूम का शव मिला।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक खोपड़ी में कोई फ्रैक्चर नहीं है

क्राइम ब्रांच की चार्जशीट में दावा किया गया है कि बच्ची का गला घोंटकर उसके सिर पर पत्थर से वार किया गया है। मगर बच्ची की पोस्टमार्टम रिपोर्ट इससे मेल नहीं खाती है। पहली पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि बच्ची के शरीर में छह जख्म किए गए हैं। इसमें से एक कान के पास है। बताया जा रहा है कि यह जख्म गिरने की वजह से आमतौर पर होता है। इस रिपोर्ट में बच्ची की खोपड़ी पर कोई फ्रेक्चर की बात नहीं कही गई है।

दूसरी रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि नहीं

दूसरी रिपोर्ट भी बच्ची के साथ दुष्कर्म की पुष्टि नहीं करती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बच्ची की जांघ पर कुछ खरोचें जरूर आईं हैं मगर यह चोट गिरने के कारण से भी हो सकती हैं। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि बच्ची का हाइमन फटा हुआ है। मगर विशेषज्ञों का कहना है कि हाइमन भारी काम करने से भी टूट सकता है। इसके साथ रिपोर्ट कहती है कि गुप्तांग और एफएसएल भेजे गए कपड़ों में कोई वीर्य नहीं पाया गया है। हालांकि क्राइम ब्रांच ने चार्जशीट में यह दावा जरूर किया है कि जांच के लिए एफएसएल में भेजे गए कपड़े पहले ही धोए जा चुके हैं।

बच्ची के पेट में नशीली दवाएं

17 जनवरी को रसाना के जिस स्थान से शव बरामद किया गया, वहां पर उसे पत्थर मारने का दावा क्राइम ब्रांच ने किया था। मगर उस पत्थर पर भी खून का निशान नहीं मिले है। इससे यह संकेत मिलता है कि बच्ची की मौत पहले हो चुकी थी। आशंका जताई जा रही है कि बच्ची की मौत का कारण सांस रुकने से हुए हार्ट अटैक से हो सकती है। हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई है कि बच्ची के पेट में नशीली दवाई मिली हैं। जहां तक बच्ची के शरीर पर चोट के निशान की बात है तो उसके दाहिने बाजू, पेट और निचले हिस्सों पर खरोचें हैं।

देवस्थान पर मिले बाल पर उठे सवाल

गौरतलब है कि बच्ची के बाल, जिन्हें देवस्थान से बरामद करने का दावा किया गया, वे मार्च में क्राइम ब्रांच ने दिल्ली एफएसएल को भेजे थे। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या देवस्थान की 17 जनवरी के बाद कोई सफाई नहीं हुई? इस देवस्थान पर लोग रोजाना पूजा करने आते हैं।


बड़ी खबरें

View All

विविध भारत

ट्रेंडिंग