मिशन कर्मयोगी के तहत सरकारी अधिकारियों को खास तरह की ट्रेनिंग दी जाएगी। इस मिशन के तहत सरकारी कामों को कैसे बेहतर किया जाए उस पर काम किया जाएगा। यानी आम आदमी तक सरकारी सुविधाओं की पहुंच को बढ़ाने में मदद मिलेगी। आईए जानते हैं मिशन कर्मयोगी से जुड़ी हर अहम बात।
न्यू इंडिया की ओर बड़ा कदम
मिशन कर्मयोगी का गठन न्यू इंडिया को ध्यान में रखकर किया गया है। इससे सही दृष्टिकोण, कौशल और ज्ञान के साथ भविष्य के लिए तैयार सिविल सेवा का निर्माण करने के लिए किया गया है।
मिशन कर्मयोगी न सिर्फ व्यक्तिगत क्षमता निर्माण करने के लिए बल्कि संस्थागत क्षमता निर्माण और प्रक्रिया पर भी केंद्रित है। दरअसल मौजूदा समय में विभिन्न मंत्रालयों में विभिन्न प्रशिक्षण संस्थानों की ओर से प्रशिक्षण प्राथमिकताओं में विसंगतियां हैं। जो देश की विकासात्मक आकांक्षाओं की साझा समझ में बाधा बना हुआ है।
कहीं भी ट्रेनिंग ले सकेंगे अधिकारी
मिशन कर्मयोगी के तहत शुरू किए गए नए डिजिटल प्लैटफॉर्म से अब सिविल सेवा से जुड़े अधिकारी कहीं भी बैठकर ट्रेनिंग ले सकेंगे। मोबाइल, लैपटॉप, टैबलेट के माध्यम से भी ट्रेनिंग की सुविधा उपलब्ध होगी।
मिशन कर्मयोगी का मकसद
मिशन कर्मयोगी का प्रमुख मकसद भविष्य के लिए भारतीय सिविल सेवकों को तैयार करना है ताकि वे पहले से ज्यादा रचनात्मक, रचनात्मक, कल्पनाशील, पारदर्शी, अभिनव, पेशेवर, प्रगतिशील, सक्रिय, ऊर्जावान और प्रौद्योगिकी-सक्षम बन सकें।
आम जनता को ये होगा फायदा
केंद्र सरकार के मिशन कर्मयोगी से आम जनता को भी फायदा होगा। दरअसल सिविल सेवक विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षत होने के बाद नागरिकों की आवश्यकताओं के लिए अधिक कुशल, उत्तरदायी और जवाबदेह होंगे।
मिशन कर्मयोगी कार्यक्रम में खासतौर पर सिविल सेवकों- आईएएस, आईपीएस,आईएफएस, आईआरएस को लाभ मिलेगा।यह कार्यक्रम प्रशिक्षण मानकों का सामंजस्य स्थापित करेगा। आपको बता दें कि ये मिशन कर्मयोगी प्रधानमंत्री की मानव संसाधन परिषद की ओर से संचालित किया जाएगा जिसमें कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ शामिल होंगे, जो स्वयं प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में बैठक करेंगे।