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कर्ज से परेशान किसान का अनोखा विरोध, मुख्यमंत्री के नाम कर दी खेत की जमीन

अमरावती जिले के किसान प्रमोद महादेवराव कुटे ने कृषि कर्ज माफ नहीं किए जाने के विरोध में अपना खेत मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नाम कर दिया है।

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Chandra Prakash Chourasia

Jul 12, 2018

Devendra Fadnavis

कर्ज से परेशान किसान का अनोखा विरोध, मुख्यमंत्री के नाम कर दी खेत की जमीन

नई दिल्ली। कृषि कर्ज माफ नहीं किए जाने से नाराज हो कर महाराष्ट्र के एक किसान अपनी कृषि भूमि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नाम कर दी। कर्ज से परेशान किसान के इस अनोखे कदम की हर तरह अब चर्चा हो रही है। दरअसल अमरावती जिले के कृषक प्रमोद महादेवराव कुटे ने पहले ऋण लिया था जिसे उसने पूरी तरह से चुका दिया था लेकिन इस बार 71 हजार रुपए ऋण लिया जिसे वह खराब स्वास्थ्य की वजह से वापस नहीं कर पाए।

राष्ट्रपति तक को लिखा था कर्ज माफी के लिए खत

किसान ने पहले तो राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, जिलाधिकारी और कृषि अधिकारियों को पत्र लिख कर कर्ज माफ करने का आग्रह किया। काफी दिनों तक जब किसी ने भी उसे जवाब नहीं दिया, तब उन्होंने ये अनोखा फैसला किया और अपनी जमीन सीएम के नाम कर दी।

यह भी पढ़ें: बीजेपी का स्वर्णिम काल अभी नहीं, पूरे देश में भगवा लहराकर लेंगे दम: अमित शाह

किसान ने सीएम को भेजे जमीन के दस्तावेज

प्रमोद महादेवराव कुटे ने कहा कि किसान कड़ी मेहनत के बावजूद अपने परिवार का पालन पोषण करने में सक्षम नहीं है। उन्होंने कहा कि हर बार खेती में नुकसान उठाना पड़ता है और बैंक का ब्याज चुकाना पड़ता है। कुटे ने बैंक से ऋण लिया था जिसे उसने खेती में लगाया था और उसे उम्मीद थी कि अच्छी फसल होगी तो उसे लाभ मिलेगा लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। उन्होंने कहा कि वह खेती की देखभाल नहीं कर पा रहा इसलिए उसने अपनी छोटी से कृषि भूमि मुख्यमंत्री के नाम कर दी। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि कृषि भूमि के सारे दस्तावेज मुख्यमंत्री के कार्यालय में भेज दिए गए हैं।

शिवसेना ने भी बीजेपी सरकार को घेरा

बता दें देशभर से कर्ज से परेशान किसानों के खुदकुशी की खबरें आती रहती हैं। महाराष्ट्र में किसानों की खुदकुशी को लेकर शिवसेना भी बीजेपी सरकार का विरोध करती रही है। पिछले महीने शिवसेना ने महाराष्ट्र में किसानों और दूसरे लोगों द्वारा आत्महत्या करने की घटनाओं पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया कि क्या यही उनके 'अच्छे दिन' के वादे हैं? शिवसेना ने केंद्र और महाराष्ट्र में बीजेपी की सरकारों पर दोषारोपण करते हुए कहा कि इन लोगों ने गरीबी, जीने के संसाधनों की कमी और सरकार की आर्थिक नीतियों के कारण पड़ने वाले वित्तीय बोझ के चलते इन लोगों ने खुदकुशी की है।


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