इसका उपयोग चेस्ट एक्स—रे स्क्रीनिंग के लिए किया जाता है। इससे फेफड़ों की भागीदारी का मूल्यांकन भी किया जाता है। इसकी एक्यूरेसी रेट 96.73 प्रतिशत है। सीएआइआर के डायरेक्टर डॉ. यू.के. सिंह ने कहा कि इस डायग्नोस्टिक टूल को डेवलप करने का मुख्य उद्देश्य चिकित्सकों और फ्रंटलाइन वर्कर्स की मदद करना है। यह टूल कुछ सैकेंड में रेडियोलॉजिकल फाइंडिंग्स को ऑटोमेटिकली डिटेक्ट कर कोविड-19 का पता लगाएगा। इससे इमरजेंसी केस में चिकित्सकों को मदद मिलेगी। इसे लगभग 1000 अस्पतालों में इस्तेमाल किया जाएगा।
खर्चा होगा कम, दबाव घटेगा-
इस टेस्ट पर कम खर्चा आएगा। जिन शहरों में सीटी स्कैन मशीन नहीं है, उनके लिए यह काफी लाभदायक होगा। रेडियोलॉजिस्ट पर भी दबाव घटेगा। सीटी स्कैन मशीनों का अन्य रोगियों के लिए इस्तेमाल हो सकेगा।