
केंद्र सरकार की योजना युवाओं को और ज्यादा प्रतिस्पर्धी बनाने की है।
नई दिल्ली। सोमवार को मैसूर विश्वविद्यालय ( Mysore University ) के शताब्दी दीक्षांत समारोह ( Centenary convocation ) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया। उन्होंने गणमान्य व्यक्तियों और छात्रों से कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 ( NEP-2020 ) संपूर्ण शिक्षा व्यवस्था में मौलिक बदलाव लाने वाला अभियान है। उन्होंने कहा कि युवाओं को और ज्यादा प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए मल्टीडाइमेंशनल अप्रोच पर फोकस किया जा रहा है। इसके लिए सभी क्षेत्र में सुधार का दायरा बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है।
टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट सेंटर पर जारी है काम
पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में केवल 7 एम्स थे। पिछले कुछ वर्षों में एम्स की संख्या बढ़ाकर 7 से 15 किया गया। 7 नए एम्स बनाने की योजना पर काम जारी है। इसके साथ ही टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट सेंटर पर भी काम चल रहा है। इसके साथ ही मेडिकल शिक्षा में पारदर्शिता लाने पर भी काम हुआ है। इसी तरह बीते 6 साल में औसतन हर साल एक नई आईआईटी खोली गई है। इसमें से एक आईआईटी कर्नाटक के धारवाड़ में भी खुली है। 2014 तक भारत में 9 आईआईटी थीं। इसके बाद के 5 सालों में 16 आईआईटी बनाई गई हैं।
नए प्रयास केवल इंस्टीट्यूशन खोलने तक सीमित नहीं
उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नवीन प्रयास केवल हायर एजुकेशन में नए इंस्टीट्यूशन खोलने तक ही सीमित नहीं है। इन संस्थाओं में सुशासन और सुधार को लेकर जेंडर और सोशल पार्टिसिपेशन सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया जा रहा है। उच्च शिक्षण संस्थानों को अधिक स्वायत्ता भी दी जा रही है।
रियल लाइफ यूनिवर्सिटी कैंपस
उन्होंने दीक्षांत समारोह में शामिल छात्रों से कहा कि अब आप एक फॉर्मल यूनिवर्सिटी कैंपस से निकलकर, रियल लाइफ यूनिवर्सिटी के विशाल कैंपस में जा रहे हैं। ये एक ऐसा कैंपस होगा जहां डिग्री के साथ ही आपकी क्रिएटिविटी भी काम आएगी।
शिक्षा और दीक्षा युवा जीवन के अहम पड़ाव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारतीय समाज में शिक्षा और दीक्षा को युवा जीवन के दो अहम पड़ाव माने जाते हैं। जब हम दीक्षा की बात करते हैं तो ये सिर्फ डिग्री प्राप्त करने का ही अवसर नहीं है। आज का ये दिन जीवन के अगले पड़ाव के लिए नए संकल्प लेने की भी प्रेरणा देता है।
मैसूर विश्वविद्यालय शिक्षा का बड़ा केंद्र
बता दें कि मैसूर यूनिवर्सिटी प्राचीन भारत की समृद्ध शिक्षा व्यवस्था, एस्पिरेशन और कैपेबिलिटिज का प्रमुख केंद्र है। इस यूनिवर्सिटी ने राजर्षि नालवाडी कृष्णराज वडेयार और एम विश्वेश्वरैया जी के विजन और संकल्पों को साकार करने में अहम भूमिका निभाई है। बता दें कि मैसूर विश्वविद्यालय की स्थापना 1916 में की गई थी। यह देश का छठा और कर्नाटक का पहला विश्वविद्यालय है।
Updated on:
19 Oct 2020 12:29 pm
Published on:
19 Oct 2020 12:20 pm
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