#Coronavirus के खिलाफ 5 मिनट की ताली-थाली के बाद 9 मिनट की दिवाली ने दिखाई देश की एकजुटता प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, “उन्होंने (पीएम मोदी) कहा कि जहां हॉटस्पॉट्स नहीं हैं, वहां धीरे-धीरे विभागों को खोलने के लिए एक योजना बनाई जाए। उन्होंने आगे कहा कि यह संकट चिकित्सा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने का अवसर प्रदान करता है।”
पीएम ने मंत्रियों के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि उनके द्वारा निरंतर दिए गए सुझाव कोरोना वायरस से निपटने की रणनीति बनाने में काफी प्रभावकारी साबित हुए हैं। यह जरूरी है कि नेतागण राज्य एवं विशेषकर उन जिलों के जिला प्रशासन के साथ विस्तारपूर्वक संवाद करें, जो महामारी के हॉटस्पॉट हैं और इसके साथ ही वे जमीनी स्थिति से अवगत हों और आकस्मिक समस्याओं का समाधान भी प्रदान करें।
प्रधानमंत्री द्वारा घोषित तीन सप्ताह का लॉकडाउन 14 अप्रैल को समाप्त हो रहा है। अर्थव्यवस्था पर कोविड-19 के प्रभाव के बारे में, प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार को इस प्रभाव को कम करने के लिए युद्ध स्तर पर काम करना होगा, और इसके लिए मंत्रालयों को व्यापार की निरंतरता बनाने के लिए योजना तैयार करनी चाहिए।
छिपे हुए तबलीगी जमात के मुखिया मोहम्मद शाद की गिरफ्तारी से बच रही है पुलिस! बहुत बड़ी है वजह प्रधानमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन समाप्त होने के बाद पैदा होने वाली हुई परिस्थितियों के लिए रणनीति बनाना आवश्यक है। पोस्ट-लॉकडाउन अवधि के लिए तैयारी का संकेत देते हुए, उन्होंने मंत्रियों से कहा कि लॉकडाउन समाप्त होने के बाद 10 प्रमुख निर्णयों और फोकस के 10 प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की सूची तैयार करें।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में यह भी संकेत दिया कि अब से भारत को अधिक स्वदेशी क्षमता का निर्माण करना होगा। पैदा हो रही चुनौतियों के कारण, देश को अन्य देशों पर अपनी निर्भरता कम करने की आवश्यकता है। उन्होंने सभी विभागों से कहा कि उनका काम ‘मेक इन इंडिया’ को कैसे बढ़ावा देगा, इस बारे में सोचें।
उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना भी महत्वपूर्ण है कि पीडीएस केंद्रों पर भीड़ न हो, प्रभावी निगरानी बनी रहे, शिकायतों पर कार्रवाई हो और कालाबाजारी को रोका जा सके और आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि ना हो सके।
BIG NEWS लॉकडाउन उल्लंघन को लेकर ठनका गृह मंत्री का माथा, कर दी सबसे बड़ी घोषणा प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार किसानों को कटाई के मौसम में हर संभव सहायता प्रदान करेगी। इस संबंध में, उन्होंने तकनीक पर ध्यान केंद्रित करने और ऐप-आधारित कैब सेवाओं की तर्ज पर मंडियों के साथ किसानों को जोड़ने के लिए ‘ट्रक एग्रीगेटर्स’ का उपयोग करने जैसे नए समाधानों को प्रोत्साहित करने का सुझाव दिया।
उन्होंने आदिवासी उत्पादों की खरीद सुनिश्चित करने के लिए एक रणनीति तैयार करने की आवश्यकता भी जताई, ताकि आदिवासी आबादी के आय का स्रोत बरकरार रहे।
प्रधानमंत्री ने निरंतर निगरानी करने के महत्व और यह सुनिश्चित करने पर विशेष जोर दिया कि ‘पीएम गरीब कल्याण योजना’ का लाभ निर्बाध रूप से निर्दिष्ट लाभार्थियों तक पहुंचते रहें। वायरस के फिर से फैलने की संभावना को नियोजन में शामिल किया जाना चाहिए। आवश्यक दवाओं और सुरक्षा उपकरणों के उत्पादन की समयसीमा बनाए रखने के लिए निरंतर निगरानी होनी चाहिए। आपूर्ति स्तर और आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता बनाए रखने के लिए सूक्ष्म स्तर पर योजना बनाना आवश्यक है।
BIG NEWS: कोरोना वायरस को लेकर ICMR का सबसे बड़ा खुलासा, तो क्या बेकार हो गई सारी तैयारी प्रधानमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन उपायों और सामाजिक दूरी बनाए रखने के मानदंडों पर एक साथ अमल करने की जरूरत है। अर्थव्यवस्था पर कोविड-19 के प्रभाव के बारे में बात करते हुए पीएम ने कहा कि सरकार को इस प्रभाव को कम करने के लिए युद्ध स्तर पर काम करना चाहिए। मंत्रियों से ग्रामीण क्षेत्रों एवं जमीनी संस्थानों में आरोग्य सेतु एप को लोकप्रिय बनाने को कहा, ताकि महामारी के बारे में जानकारी एवं जागरूकता बढ़ाई जा सके।
बैठक में भारत सरकार के केंद्रीय मंत्रियों, प्रधान सचिव, कैबिनेट सचिव और भारत सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।