14 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

तीन साल बाद पीएम मोदी ने बयां किया दर्द, बोले- हमने जो शौचालय बनवाए थे उसमें बकरियां बंधी थीं

स्वच्छ भारत मिशन की तीसरी वर्षगांठ पर पीएम मोदी अभियान की सफलता का जिक्र करने के साथ अपना दर्द भी बयां किया।

2 min read
Google source verification

image

Chandra Prakash Chourasia

Oct 02, 2017

Swachh Bharat Abhiyaan

नई दिल्ली। स्वच्छ भारत मिशन की तीसरी वर्षगांठ पर पीएम मोदी अभियान की सफलता का जिक्र करने के साथ अपना दर्द भी बयां किया। उन्होंने कहा कि स्वच्छता के लिए समाज की भागीदारी बेहद जरूरी है, बिना समाज के आगे आए स्वच्छता अभियान कभी पूरा नहीं हो सकता।


हमने जो टॉयलेट बनवाएं उसमें बकरियां बंधी थी
अपना एक अनुभव साझा करते हुए उन्होंने कहा कि राजनीतिक में आने से पहले मैंने संगठन में रहकर भी सफाई के लिए काम किया है। हमने चंदा इकट्ठा कर गुजरात में गांव गोद लिया था और उसमें मिलकर सफाई की व्यवस्था करवाई थी। हमने पूरे गांव गांव में शौचालय बनाए थे, कुछ समय बाद जब मैं उस गांव में गया तो देखा उसमें बकरियां बंधी हुई थी।

आलोचना झेलने की कैपेसिटी बढ़ा रहा हूं
तीन साल पहले मैं 2 अक्टूबर को झाडू लगाना शुरु किया था। उस समय लोगों ने मेरी काफी आलोचना की कि 2 अक्टूबर की छुट्टी खराब कर दी। मेरा स्वभाव है कि मैं सबकुछ चुपचाप झेलता हूं। धीरे-धीरे आचोलना झेलने की कैपेसिटी बढ़ा रहा हूं।


गंदगी करने वालों की खबर बनेगी
पीएम मोदी ने कहा आने आने वाले पांच साल बाद जो गंदगी करेगा उसकी खबर बनेगी। अब ये स्वच्छता का मिशन सरकार का नहीं बल्कि पूरे देश का है। हमें स्वराज्य मिला, श्रेष्ठ भारत का मंत्र स्वच्छता है।

1 हजार गांधी और 1 लाख मोदी भी सफाई नहीं कर सकते
पीएम ने कहा कि स्वच्छता के लिए समाज की भागीदारी बेहद जरूरी है, बिना समाज के आगे आए स्वच्छता अभियान कभी पूरा नहीं हो सकता। पीएम ने यह भी कहा कि बिना जनभागीदारी के यदि एक हजार महात्मा गांधी और एक लाख नरेंद्र मोदी भी आ जाएं तो भी यह सपना पूरा नहीं हो सकता।


गंदगी में हमारा भी योगदान
पीएम ने कहा कि तमाम आलोचनाओं और विरोध के बावजूद सरकार स्वच्छता अभियान को आगे ले जाने में कोई कसर बाकि नहीं छोड़ रही है। पीएम ने कहा कि अभियान शुरू करने के बाद तीन साल तक हमने पीछे मुड़कर नहीं देखा, क्योंकि हमे यकीन था कि बापू का दिखलाया हुआ रास्ता कभी गलत नहीं हो सकता।