जानकारी के मुताबिक मोदी सरकार ने 36 रफाल लड़ाकू विमानों को पाकिस्तान और चीन की सीमाओं के करीब बराबर-बराबर संख्या में तैनात करने का फैसला लिया है। इनमें से 18 रफाल विमान अंबाला वायुसेना बेस में तैनात किए जाएंगे। जबकि बाकी 18 पश्चिम बंगाल के हाशिमारा बेस में तैनात होंगे।
मई, 2020 तक वायुसेना के पास होंगे 4 लड़ाकू विमान बताया जा रहा है कि दोनों देशों से मिलने वाली किसी संभावित चुनौती के मद्देनजर यह तैनाती की जाएगी। फिलहाल पहला रफाल विमान फ्रांस से भले ही प्राप्त हो गया है लेकिन इसे भारत पहुंचने में अभी वक्त लगेगा। अभी वायुसेना के पायलट इन विमानों को उड़ाने का प्रशिक्षण वहां हासिल करेंगे। इसके बाद इन्हें लाया जाएगा। वायुसेना सूत्रों के अनुसार कुल चार विमान पहली खेप में अगले साल मई में अंबाला एयरबेस पर पहुंचेंगे।
पहली खेप के तहत 4 विमानों की आपूर्ति के बाद कुछ-कुछ महीनों के अंतराल में चार-चार रफाल विमानों की खेप अंबाला और हाशिमारा एयरबेस पर पहुंचेगी। अगले दो से तीन सालों में सभी 36 राफेल विमान भारत को मिल जाएंगे। इस बीच वायुसेना सूत्रों ने इन अटकलों को भी खारिज किया है कि निकट भविष्य में 36 और राफेल विमान खरीदे जाने हैं।
जानकारी के मुताबिक अभी ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। अलबत्ता 114 लड़ाकू विमानों की खरीद की प्रक्रिया अलग से शुरू की गई है। लेकिन यह तय नहीं है कि इन विमानों की खरीद किसी देश से की जाएगी।