किसी भी गलत चीज को बार—बार देखने से बच्चों को वह सही लगने लगती है। मारधाड़ और हिंसात्मक गतिविधियां उनके मन को प्रभावित करती हैं और यह उनमें समस्याएं पैदा कर सकती है। जीवन में बदलाव जरूरी है, लेकिन इसका मतलब यह कतई नहीं है कि हम बच्चों को गलत तरफ मोड़ दें। नया करने से बेहतर है कि हम उन्हें एक रुटीन में रखें तो बेहतर रहेगा।
डॉ. केरसी चावड़ा, प्रसिद्ध मनोचिकित्सक, हिंदुजा हॉस्पिटल, मुंबई
हिंसक खिलौने बच्चों की मनोदशा को प्रभावित करते हैं। 15 साल तक बच्चे बाहरी दुनिया से प्रभावित होते हैं। ऐसे में उन्हें हिंसक खिलौने और इस तरह की दूसरी चीजों से सुरक्षित रखना जरूरी है। हिंसा के प्रति उनका व्यवहार उनमें मानसिक विकृतियां पैदा कर सकता है।
सत्यकांत त्रिवेदी, प्रतिष्ठित मनोचिकित्सक, भोपाल
– स्टैटिस्टा के आंकड़ों के मुताबिक दुनिया में खिलौना बाजार का व्यापार 6.64 लाख करोड़ रुपए का है।
-आइबीआइएस वल्र्ड की रिपोर्ट के मुताबिक तो दुनिया के 70 फीसदी खिलौने चीन के बने होते हैं।
– चीन के करीब 58 फीसदी खिलौने अमेरिका और यूरोपियन यूनियन में जाते हैं।
– खिलौनों में भारत की हिस्सेदारी केवल आधा फीसदी है।
– रिलायंस के मुकेश अंबानी ने 2019 में ब्रिटेन की खिलौना कंपनी हैमलेज को खरीद लिया है, इस कंपनी 18 देशों में 167 स्टोर हैं।
– भारतीय बाजार के 25 फीसदी खिलौने स्वदेशी हैं, लेकिन 75 फीसदी विदेशी हैं। जिसमें अकेले 70 फीसदी खिलौनो का माल चीन से आता है।