साथ ही डीटीसी के कर्मियों से सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइटर, मास्क, बसों के अंदर सीटिंग प्लान व अन्य सुरक्षा मानदंडों का सख्ती से पालन करने को कहा गया है।
Atmanirbhar Bharat Yojna : शिवसेना ने मोदी सरकार पर साधा निशाना, महाराष्ट्र की उपेक्षा पर जताया ऐतराज उन्होंने कहा कि अगर बसों के संचालन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग ( Social Distancing ) और अन्य सुरक्षा मानदंडों के नियमों का उल्लंघन हुआ तो डीटीसी के दोषी ड्राइवरों, कंडक्टरों और बस मार्शल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि डीटीसी डिपो से बाहर निकलने वाली प्रत्येक बसों की वैकल्पिक सीटों पर ‘बैठो मत’ कहते हुए का स्टिकर चिपकाए गए हैं। इतना ही नहीं ड्राइवर, कंडक्टर और बस मार्शलों को 20 से अधिक यात्रियों को बस में नहीं बैठाने को लेकर सख्त निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि अगर यह बात सामने आती है कि डीटीसी कर्मी इन निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं तो तीनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
Lockdown 4.0 : केरल में सरकारी बस सेवा बहाल, पहचान पत्र रखना जरूरी गहलोत ने कहा कि दिल्ली परिवहन निगम ( DTC ) की अधिकांश बसें रेलवे स्टेशनों पर प्रवासियों को फेरी लगाकर घर पहुंचाने में लगी हुई है। बुधवार को लगभग 1200 बसों को रोड पर निकाला गया है। 400 से 500 बसें पुलिस की डिमांड डिपो से निकाली गई हैं।
हालांकि लॉकडाउन चार ( Lockdown 4.0 ) में सरकारी व निजी संस्थान खुलने की वजह से काफी संख्या में लोग दफ्तर जाने लगे हैं। यही वजह है कि यात्रियों की ओर से अधिक बसों और उसकी फ्रीक्वेंसी बढ़ाने की मांग की है।
बातचीत में लोगों ने बताया कि सभी कार्यालयों, उद्योगों, और निर्माण और अन्य आर्थिक गतिविधियों को फिर से शुरू करने की अनुमति देने के लिए पहले दिल्ली सरकार को अपनी क्षमता का आकलन करना चाहिए था। दिल्ली सरकार ( Delhi Government ) के पास बसों की कमी है। लोगों ने कहना है कि सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों के अनुरूप लोड संभालने के लिए डीटीसी के पास बसें कम हैं। आने वाले दिनों में इसकी मांग और बढ़ेंगी और यात्रियों की परेशानी बढ़ेंगी।