उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के ट्विटर अकाउंट से ब्लू टिक हटाए जाने के बाद शुरू हुए विवाद पर अब ट्विटर ने सफाई दी है और बताया है कि ऐसा क्यों किया गया।
नई दिल्ली। सोशल मीडिया के तमाम प्लेटफॉर्मों और भारत सरकार के बीच नए नियमों को लेकर विवाद चल रहा है। वहीं, उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू (M. Venkaiah Naidu) और आरएसएस (RSS) प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) समेत आरएसएस के कई लोगों के ट्विटर अकाउंट से ब्लू टिक (Blue Tick) हटाए जाने के बाद हंगामा मच गया।
हालांकि, कुछ देर बाद उपराष्ट्रपति के अकाउंट्स का ब्लू टिक बहाल कर दिया गया। माना जा रहा है कि केंद्र सरकार की फटकार वजह से ट्विटर ने अपना कदम वापस खीच लिया और अब ट्विटर ने ब्लू टिक को हटाने और फिर उसे बहाल करने को लेकर सफाई दी है।
इस वजह से ट्विटर ने हटाया था ब्लू टिक
बता दें कि उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के ट्विटर अकाउंट से ब्लू टिक हटाए जाने के बाद शुरू हुए विवाद पर अब ट्विटर ने सफाई दी है और बताया है कि ऐसा क्यों किया गया। ट्विटर ने सफाई देते हुए बताया है कि यदि किसी व्यक्ति का अकाउंट अधूरा है या फिर छह महीने तक एक्टिव नहीं रहता है तो कंपनी के नियमों के तहत ब्लू बैज (Twitter Blue Tick) अपने आप हट जाता है।
ट्विटर ने कहा कि इसकी Verification Policy के तहत अगर अकाउंट इन-एक्टिव हो जाता है या अधूरा है तो माइक्रोब्लॉगिंग मंच स्वत: ब्लू बैज को हटा देता है। ट्विटर ने कहा, ‘ब्लू टिक हटना लॉग इन से संबद्ध है। अकाउंट को एक्टिव रखने के लिए व्यक्ति को छह महीने में कम से कम एक बार लॉग इन करना जरूरी है।’
नियमों के तहत अकाउंट वाले लोगों को सुनिश्चित करना चाहिए कि उनका प्रोफाइल पूरा है और उसमें या तो वेरीफाई ई-मेल या फोन नंबर के साथ ही प्रोफाइल फोटो और नाम शामिल हो। बता दें कि उपराष्ट्रपति नायडु के अलावा संघ प्रमुख मोहन भागवत समेत आरएसएस के सुरेश जोशी और अरूण कुमार के अकाउंट से भी ब्लू टीक हटा दिया गया था।