
WhatsApp and Telegram
भारत सरकार द्वारा व्हाट्सएप (WhatsApp) से इसकी नई यूजर डेटा प्राइवेसी पॉलिसी को वापस लेने के आदेश के बाद हाल ही एक राष्ट्रव्यापी अध्ययन में यह पता चला है कि 79 प्रतिशत यूजर्स WhatsApp की सेवाएं जारी रखने के लिए पुनर्विचार कर रहे हैं। गुरुग्राम स्थित मार्केट रिसर्च फर्म- साबइर मीडिया रिसर्च (सीएमआर) के ताजा अध्ययन में कहा गया है कि व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी के मद्देनजर 79 प्रतिशत यूजर्स व्हाट्सऐप की सेवाएं जारी रखने के लिए पुनर्विचार कर रहे हैं, जबकि 28 प्रतिशत यूजर्स इसे छोड़ना चाह रहे हैं।
टेलीग्राम और सिग्नल को तरजीह
स्टडी रिपोर्ट के मुताबिक, जितने लोगों का सर्वे किया गया उनमें से 41 प्रतिशत यूजर्स व्हाट्सएप को छोड़कर Telegram अपनाना चाह रहे हैं, जबकि 35 प्रतिशत यूजर्स Signal को तरजीह दे रहे हैं। सीएमआर के आईसीजी (इंडस्ट्री कन्सल्टिंग ग्रुप) हेड सत्य मोहंती ने कहा कि व्हाट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी पर चर्चा लगातार जारी है, लेकिन यह चर्चा निजता को तरजीह देने वाले उपभोक्ताओं से कहीं आगे की है क्योंकि कुछ यूजर्स व्हाट्सएप का इस्तेमाल बंद करना चाह रहे हैं, जबकि कुछ यूजर्स टेलीग्राम अथवा सिग्नल जैसे विकल्पों पर विचार कर रहे हैं।
घट रहे व्हाट्सएप के यूजर्स
मोहंती ने कहा कि इसकी वजह यह है कि टेलीग्राम अथवा सिग्नल लोगों के बीच चर्चा का विषय बने हुए हैं और इनमें कई तरह के फीचर्स भी हैं। गौरतलब है कि व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी की घोषणा के बाद यह अपने कई मौजूदा यूजर्स खो रहा है। साथ ही इसके भावी यूजर्स की संख्या भी घट सकती है। गौरतलब है कि केंद्रीय सूचना-प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय ने हाल ही में व्हाट्सएप को एक पत्र लिखा था।
45 प्रतिशत लोगों को अब व्हाट्सएप पर भरोसा नहीं
हालांकि कंपनी ने अपनी सफाई में कहा है कि यूजर्स की चैट, बिजनेस अकाउंट की चैट समेत कोई भी जानकारी किसी के साथ साझा नहीं की जाएगी। बहरहाल, यह मामला अभी दिल्ली हाई कोर्ट में विचाराधीन है। इन सबके बीच यूजर्स का क्या कहना है, यही जानने के लिए गुरुग्राम स्थित मार्केट रिसर्च फर्म-साबइर मीडिया रिसर्च (सीएमआर) ने सर्वे किया है। स्टडी में कहा गया है कि व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी से 49 प्रतिशत उपभोक्ता नाखुश हैं तो 45 प्रतिशत लोगों का कहना है कि अब व्हाट्सएप पर उनका भरोसा नहीं रहा। 35 फीसदी उपभोक्ताओं का मानना है कि ये यूजर्स के साथ छल है। सिर्फ 10 फीसदी उपभोक्ताओं ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
Published on:
30 Jan 2021 09:11 pm
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