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मुरादाबाद

कोरोना चुनौती के साथ बना अवसर, पुलिस ने “महामारियों में पुलिस भूमिका” को पाठ्यक्रम में किया शामिल

Highlights -पुलिस अकादमी ने चुनौती को बनाया है नया अवसर -ट्रेनिंग ले रहे पुलिस कर्मियों को पढ़ाया जा रहा ये पाठ्य क्रम -महामारी जैसा विषय अभी तक नहीं था पाठ्यक्रम -डिप्टी एसपी से लेकर आईपीएस को भी ट्रेनिंग दी जाती है अकादमी में

मुरादाबादApr 21, 2020 / 03:19 pm

jai prakash

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मुरादाबाद: कोरोना महामारी से देश के साथ पूरी दुनिया निपटने में लगी हुई है। लेकिन फ्रंट मोर्चे पर डॉक्टरों के साथ पुलिस भी डटी हुई है। उसके लिए ही सबसे बड़ी चुनौती सामने आ रही है। जिसमें लॉकडाउन के दौरान लोगों को नियंत्रित कर बीमारी पर लगाम लगाना आज उसकी मुख्य चुनौती बन गया है। इसी चुनौती को अब पुलिस ट्रेनिंग में शामिल करेगी। ताकि भविष्य में कैसे निपटा जाए इसके लिए नयी पीढ़ी को तैयार किया जा सके। इसी के तहत ही मुरादाबाद स्थित डॉ भीमराव आंबेडकर पुलिस अकादमी में नया पाठ्यक्रम शामिल किया गया है जिसे महामारियों में पुलिस की भूमिका नाम दिया गया है।

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इसलिए किया शामिल
अकादमी के निर्देश राजीव कृष्ण के मुताबिक कोरोना संकट ने जहां पूरी दुनिया की रफ्तार को ब्रेक लगाया है। वहीं इस संकट काल में आवश्यक सेवा दे रहे कर्मियों के लिए यह नया अनुभव है। महामारियों के दौरान पुलिस किस तरह से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करे और लोगों की कैसे मदद करे, इसको लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस ने तैयारी शुरू कर दी है। इसी के तहत मुरादाबाद स्थित पुलिस अकादमी के पाठ्क्रम में “महामारियों में पुलिस की भूमिका” को शामिल किया गया है। साथ ही ट्रेनी पुलिस कर्मियों को कोरोना संकट का हवाला देकर महामारी के दौरान लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। कोरोना संकट के चलते पुलिस को नई जिम्मेदारियां निभानी पड़ रही हैं। लिहाजा अब कर्मियों को प्रशिक्षण देकर इस तरह की स्थिति के लिए तैयार किया जाएगा।

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ये लेते हैं ट्रेनिंग
यहां बता दें कि उत्तर प्रदेश पुलिस के सबसे बड़े प्रशिक्षण केंद्रों में शामिल भीमराव अंबेडकर पुलिस अकादमी में सिपाही से लेकर डिप्टी एसपी रैंक के अधिकारी ट्रेनिंग लेते हैं। यूपी कैडर के ट्रेनी आईपीएस अधिकारियों को भी कुछ दिनों के लिए अकादमी में प्रशिक्षण देकर प्रदेश की जानकारियों से रूबरू कराया जाता है। बीते सालों में प्रदेश पुलिस को कई प्रशिक्षण कार्यक्रमों से आधुनिक बनाया गया है, लेकिन कोरोना महामारी ने पुलिस प्रशिक्षण पाठ्यक्रम को बदलने पर मजबूर किया है।

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हर रोज लग रही क्लास
पुलिस कर्मियों को मेडिकल प्रोटोकॉल को ध्यान में रख कर लोगों की मदद करने, मेडिकल टीम के निर्देशों पर ध्यान देने और खुद को सुरक्षित रखने के तरीके पाठ्यक्रम में पढ़ाये जा रहे हैं। महामारी अधिनियम, आपदा प्रबंधन अधिनियम की जानकारी देकर किस तरह शरारती तत्वों पर कार्रवाई की जाए। इसको भी विशेषज्ञ हर रोज क्लास में पढ़ा रहे हैं। अधिकारियों के मुताबिक इस तरह के कानूनों को कई साल बाद लागू किया जा रहा है, लिहाजा प्रशिक्षण जरूरी है।

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समझाई जा रही केस स्टडी
पुलिस प्रशिक्षण के पाठ्यक्रम में बदलाव के साथ कोरोना संकट में बेहतर कार्य करने वाले अधिकरियों और पुलिस कर्मियों की जानकारी भी प्रशिक्षु कैडेट को दी जा रहीं है। मानवीय मदद कर रहे विभिन्न जनपदों के पुलिस कर्मियों के कार्यों को केस स्टडी के तौर पर अकादमी में पढ़ाया जा रहा है। जिसे उत्तर प्रदेश पुलिस को मानवीय संवेदना से जोड़ कर महामारियों के दौरान बेहतर फोर्स में तब्दील किया जाए।

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