scriptरेलवे ट्रैक में फंसा भतीजे का पैर, ट्रेन आते ही मासूम के ऊपर लेट गई बहादुर बुआ, खुद जान देकर दिया जीवनदान | train accident bua gave her life to save her nephew | Patrika News
मुरादाबाद

रेलवे ट्रैक में फंसा भतीजे का पैर, ट्रेन आते ही मासूम के ऊपर लेट गई बहादुर बुआ, खुद जान देकर दिया जीवनदान

मुरादाबाद में एक युवती ने भतीजे को मौत के मुंह से निकाल कर अपनी जान दे दी है। तीन साल का आरव का खेल-खेल में पैर रेलवे ट्रैक के बीच फंस गया था। इसी बीच रेलवे लाइन पर हॉर्न बजाती हुए ट्रेन आ गई। यह देख बच्चे की बुआ शशिबाला दौड़ते हुए मासूम के ऊपर लेट गई और पल भर में तेज रफ्तार ट्रेन दोनों के ऊपर से गुजर गई। इस तरह शशिबाला ने भतीजे को तो मौत के मुंह से निकाल लिया, लेकिन उसके दो टुकड़े हो गए।

मुरादाबादDec 12, 2021 / 01:14 pm

lokesh verma

train-accident-bua-gave-her-life-to-save-her-nephew.jpg
मुरादाबाद. कटघर थाना क्षेत्र में एक युवती ने अपने भतीजे को मौत के मुंह से निकाल कर अपनी जान दे दी है। बताया जा रहा है कि तीन साल का आरव का खेल-खेल में पैर रेलवे ट्रैक के बीच फंस गया था। इसी बीच रेलवे लाइन पर हॉर्न बजाती हुए ट्रेन आ गई। इससे पहले कि मौके पर मौजूद लोग कुछ सोच पाते बच्चे की 20 वर्षीय बुआ शशिबाला दौड़ते हुए मासूम के ऊपर लेट गई और पल भर में तेज रफ्तार ट्रेन दोनों के ऊपर से गुजर गई। इस तरह शशिबाला ने भतीजे को तो मौत के मुंह से निकाल लिया, लेकिन उसके दो टुकड़े हो गए। घटना की सूचना मिलते मौके पर पहुंची पुलिस ने युवती के शव को एकत्र कर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। इस दर्दनाक हादसे के बाद परिवार में मातम का माहौल है।
दरअसल, शशिबाला कुंदरकी थाना क्षेत्र स्थित हुसैनपुर गांव की रहने वाली थी। शशिबाला के परिजनों ने बताया कि 8 दिसंबर को शशि की मामा की लड़की की शादी थी। शशि परिवार के साथ बहन की शादी में शरीक होने आई थी। बहन को विदा करने के बाद वह परिवार की महिलाओं के साथ गुरुवार की शाम मंढा सिलाने भैंसिया गांव के नजदीक मुरादाबाद-लखनऊ ट्रैक पार स्थित तालाब गई थी। जब वह मंढा सिलाकर लौट रहे थे तो शशि के ममेरे भाई आनंद के तीन वर्षीय बेटे आरव का पैर खेल-खेल में रेलवे ट्रैक में फंस गया। इसी बीच मुरादाबाद की तरफ से हॉर्न बजाते हुए हाई स्पीड ट्रेन आने लगी। ट्रेन देख सभी के होश उड़ गए। इससे पहले कि कोई कुछ सोच समझ पाता शशि बहादुरी दिखाते हुए दौड़कर ट्रैक पर पहुंची और ट्रेन आने से पहले भतीजे का पैर निकालने का प्रयास किया।
यह भी पढ़ें- सामूहिक विवाह कार्यक्रम से दूल्हा फरार, मंडप से भागा परदेस! इंतजार में बैठी रही दुल्हन

शादी के घर में खुशियों की जगह छाया मातम

जब पैर नहीं निकल सका और ट्रेन नजदीक आ गई तो वह ट्रैक पर ही बच्चे के ऊपर लेट गई। इसके बाद दनदनाती ट्रेन दोनों के ऊपर से गुजर गई। ट्रेन गुजरते ही वहां हाहाकार मच गया। मौके पर मौजूद परिवार की अन्य महिलाओं ने जाकर देखा तो शशि का शरीर दो भागों में बंट चुका था। जबकि आरव ट्रैक पर सुरक्षित पड़ा था। घटना के बाद शादी वाले घर में खुशियों की जगह मातम छा गया। सूचना मिलते ही घटना स्थल पर पहुंची पुलिस ने युवती के शरीर के टुकड़ों को एकत्र कर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया और पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया।
डोली की जगह उठानी पड़ी इकलौती बेटी की अर्थी

बताया जा रहा है कि शशि मेवाराम की इकलौती बेटी थी। शशि का मां आशा का 12 साल पहले ही बीमारी के चलते निधन हो गया था। उस समय शशि महज आठ साल की थी। बेटी की अच्छी परिवरिश के लिए मेवाराम ने दूसरी शादी भी नहीं की थी। फिलहाल मेवाराम शशि के हाथ पीले करने के लिए एक अच्छे लड़के की तलाश कर रहे थे। लेकिन, उन्हें क्या पता था कि वह जिस बेटी को डोली में विदा करने का सपना देख रहे हैं, एक दिन उन्हें उस बहादुर बेटी की अर्थी उठानी पड़ेगी। बेटी की मौत से मेवाराम को गहरा सदमा लगा है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो