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मुरादाबाद पुलिस प्रशिक्षण केंद्र से सनसनीखेज मामला, गर्भपात की गोली से बिगड़ी ट्रेनी महिला कांस्टेबल की तबीयत, हालत नाजुक

Moradabad News: मुरादाबाद पुलिस प्रशिक्षण केंद्र में एक ट्रेनी महिला सिपाही ने गर्भपात की गोली खाकर अपनी जान जोखिम में डाल दी।

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Trainee woman constable health deteriorated in Moradabad

मुरादाबाद पुलिस प्रशिक्षण केंद्र से सनसनीखेज मामला | Image Source - Social Media

Trainee woman constable health deteriorated in Moradabad: एक न्यूज वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद स्थित पुलिस प्रशिक्षण केंद्र में बुधवार रात उस समय हड़कंप मच गया जब एक ट्रेनी महिला कांस्टेबल की अचानक तबीयत बिगड़ गई। आनन-फानन में उसे जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी हालत गंभीर बताई गई है।

अत्यधिक ब्लीडिंग से हालत नाजुक

मेडिकल टीम के मुताबिक, महिला कांस्टेबल को अत्यधिक ब्लीडिंग की स्थिति में अस्पताल लाया गया था। जांच में पता चला कि वह गर्भवती थी और उसने स्वेच्छा से अबॉर्शन मेडिसिन का सेवन कर लिया था। गर्भपात की दवा के रिएक्शन से उसकी तबीयत गंभीर हो गई। डॉक्टरों की टीम ने तुरंत इलाज शुरू किया और फिलहाल उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है।

अधिकारियों को लगी भनक

सूत्रों की मानें तो जब महिला सिपाही की तबीयत बिगड़ने लगी और अत्यधिक खून बहने लगा, तो उसने अपने साथ प्रशिक्षण ले रहीं कुछ महिला ट्रेनीज को इसकी जानकारी दी। उन्होंने तुरंत प्रशिक्षकों को सूचित किया। मामला गंभीर होते देख प्रशिक्षण केंद्र के अधिकारियों ने तुरंत उसे जिला अस्पताल भेजा।

प्रेग्नेंसी टेस्ट की आशंका बनी तनाव का कारण?

प्रशिक्षण केंद्र से जुड़े सूत्रों का दावा है कि हाल ही में प्रेग्नेंसी टेस्ट कराने की चर्चा के चलते महिला कांस्टेबल मानसिक दबाव में आ गई थी। आमतौर पर प्रशिक्षण से पहले मैरिड महिला ट्रेनीज का मेडिकल टेस्ट कराया जाता है और अनमैरिड ट्रेनीज से शपथपत्र लिया जाता है कि वे गर्भवती नहीं हैं।

हालांकि इस बार गोरखपुर स्थित एक प्रशिक्षण केंद्र में सभी महिला ट्रेनीज चाहे मैरिड हों या अनमैरिड सभी के प्रेग्नेंसी टेस्ट के आदेश दिए गए थे। इस आदेश के खिलाफ महिला सिपाहियों में नाराजगी भी देखी गई थी। आशंका जताई जा रही है कि इन्हीं आदेशों और संभावित जांच की दहशत ने ट्रेनी महिला कांस्टेबल को यह खतरनाक कदम उठाने पर मजबूर कर दिया।

प्रशिक्षण केंद्र की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल

इस घटना ने पुलिस प्रशिक्षण केंद्रों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि महिला ट्रेनीज को मानसिक रूप से इतना दबाव में डालना कि वे अपनी सेहत से खिलवाड़ कर बैठें, बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।

इस मामले में फिलहाल पुलिस या प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन यह घटना महिला ट्रेनीज की गोपनीयता और अधिकारों को लेकर नई बहस जरूर छेड़ गई है।

ट्रेनी महिला कांस्टेबल की हालत अब खतरे से बाहर बताई जा रही है, लेकिन यह मामला सिर्फ एक मेडिकल इमरजेंसी नहीं, बल्कि सिस्टम की सख्ती और संवेदनहीनता का भी आईना है। जरूरी है कि प्रशिक्षण केंद्र न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी महिला सिपाहियों को सुरक्षित माहौल दें, ताकि वे अपने कर्तव्यों की ओर बिना किसी डर या दबाव के बढ़ सकें।


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