यह भी पढ़ें-
यूपी पुलिस की एक गलती के कारण बेटे की मौत के बाद अंतिम संस्कार भी नहीं कर सके माता-पिता दरअसल, बिलारी थाना क्षेत्र के फुलवार रोड के रहने वाले 35 वर्षीय रिक्शा चालक की पत्नी ने दो माह पहले ही एक बेटे को जन्म दिया था। उनके पहले से भी दो बेटे हैं। मोहल्ले वालों ने बताया कि लॉकडाउन में वैसे ही काम का मंदी है और ई-रिक्शा के चलते सामान्य रिक्शों की डिमांड काफी कम हो गई है। इसलिए सामान्य रिक्शे से वह पेट भरने लायक भी कमाई नहीं कर पा रहा था। इसलिए उसने ई-रिक्शा खरीदने की योजना बनाई थी। इस बीच उसका एक बेटा बीमार हो गया। उसके पास इलाज के लिए भी पैसा नहीं था। पैसे के लिए उसने अपने एक करीबी से दो माह के बेटे को बेचने की बात कही। जिस पर करीबी ने ठाकुरद्वारा के एक जरूरतमंद दंपती से 49 हजार रुपये में सौदा करा दिया।
बेटे का सौदा होने के बाद पत्नी भी कुछ नहीं कह सकी, लेकिन वह बेटे के लिए परेशान रहने लगी। जब उसकी पत्नी से पड़ाेस की महिलाओं ने परेशानी का कारण पूछा था तो उसने सारी बात बता दी। इसके बाद महिलाओं ने इस बात को मोहल्ले के जिम्मेदार लोगों से साझा किया। जिम्मदार लोगों ने आगे आते हुए ठाकुरद्वारा के दंपती को समझाकर और धमकाकर बच्चा वापस दिला दिया। इसके साथ ही रिक्शा चालक को दी गई रकम का दो तिहाई हिस्सा वापस भी करा दिया। इस संबंध में जब संबंधित थाना पुलिस से बात की गई तो उन्होंने मामले की जानकारी होने से इनकार कर दिया।