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30 लाख की लागत से बनाए छह रपटा, 2 साल में ही हो गए क्षतिग्रस्त

22 किमी का फेर लगाने को मजबूर ग्रामीण, मानपुर से मरा की दूरी पांच किलोमीटर, फिर भी घंटों का सफर तय कर रहे ग्रामीण

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मुरैना. मानपुर पंचायत से मरा गांव तक करीब दो साल पूर्व पांच किमी की सडक़ पर जगह-जगह छह रपटा बनाए थे लेकिन निर्माण में सामग्री गुणवत्ताहीन होने के कारण दो बारिश में ही रपटा क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। वहीं सडक़ पर गहरे गड्ढे हो गए हैं जिससे मरा गांव के लोगों को पांच किमी की बजाय २२ किमी की दूरी तय करनी पड़ रही है।

जानकारी के अनुसार पहाडग़ढ़ विकास खंड की मानपुर पंचायत से मरा गांव की दूरी सिर्फ पांच किमी है। यहां ग्राम पंचायत मानपुर द्वारा चार साल पूर्व सडक़ और दो साल पूर्व इसी मार्ग पर आधा दर्जन रपटे बनाए थे। एक रपटे पर पांच लाख से अधिक की राशि खर्च हुई थी लेकिन अधिकारियों ने मॉनीटरिंग नहीं की, इसलिए दो साल में ही रपटा क्षतिग्रस्त हो गए। दो तीन रपटे तो पूरी तरह जर्जर हो चुके हैं।, उन पर गहरे गड्ढे, दरार हो चुकी हैं, जिससे वाहन तो निकल ही नहीं पा रहे। मानपुर के ग्रामीणों का कहना हैं कि इस मार्ग से मरा गांव सिर्फ पांच किमी की दूरी पर है लेकिन सडक़ व रपटा क्षतिग्रस्त होने पर मजबूरन २२ किमी की दूरी तय करके पहाडग़ढ़ होते हुए मरा जाना पड़ रहा है। इस मार्ग पर ग्राम पंचायत ने घटिया स्तर का कार्य किया इसलिए वह समय से पूर्व ही उखड़ गया।

ग्रामीण बोले: शिकायत के बाद भी नहीं होती कार्रवाई

मानपुर से मरा तक पांच किमी की दूरी तक क्षतिग्रस्त हुई सडक़ व रपटा की शिकायत ग्रामीण पूर्व में अधिकारियों से कर चुके हैं। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है। लाखों रुपए पानी की तरह बहा दिया। उसके बाद भी गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया गया और आधा दर्जन रपटा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए।

मैं स्वयं सडक़ व रपटा का निरीक्षण करने जाऊंगा। संबंधित निर्माण एजेंसी को निर्देशित करके क्षतिग्रस्त रपटों की मरम्मत कराई जाएगी, जिससे ग्रामीणों को कोई परेशानी न हो।

रामपाल करजरे, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, पहाडग़ढ़