
aiyaary movie
स्क्रिप्ट, स्क्रीनप्ले एंड डायरेक्शन: नीरज पांडे
जोनर : एक्शन थ्रिलर
म्यूजिक : रोचक कोहली, अंकित तिवारी
लिरिक्स : मनोज मुंताशिर
एडिटिंग : प्रवीण काठीकुलोथ
सिनेमैटोग्राफी : सुधीर पलसाने
रेटिंग : १.५ स्टार
रनिंग टाइम : १६०.१० मिनट
स्टार कास्ट सिद्धार्थ मल्होत्रा, मनोज वाजपेयी, रकुल प्रीत सिंह , पूजा चोपड़ा, अनुपम खेर , नसीरुद्दीन शाह , कुमुद मिश्रा
आर्यन शर्मा . जयपुर
'अ वेडनेसडे!', 'स्पेशल २६,' 'बेबी', 'एम. एस. धोनी : द अनटोल्ड स्टोरी' सरीखी फिल्मों के निर्देशक नीरज पांडे अब सेना की पृष्ठभूमि पर बनी 'अय्यारी' लेकर आए हैं। फिल्म में मनोज वाजपेयी और सिद्धार्थ मल्होत्रा की जोड़ी है, लेकिन ऐसा लगता है कि नीरज 'अय्यारी' बनाते समय अपने निर्देशकीय कौशल से गद्दारी कर गए। लिहाजा मूवी एंटरटेन करने के बजाय कन्फ्यूज करती है। नीरज फिल्म को बेहतर ट्रीटमेंट देने में नाकाम रहे, जिससे यह एक उबाऊ पेशकश बन कर रह गई।
स्क्रिप्ट
कर्नल अभय सिंह (मनोज वाजपेयी) और मेजर जय बख्शी (सिद्धार्थ) इंडियन आर्मी में हैं। दोनों जांबाज और इंटेलिजेंट ऑफिसर हैं, लेकिन हालात कुछ ऐसे बनते हैं कि जय अचानक दिल्ली छोड़कर लंदन जाने की फिराक में होता है। इधर, जय के गुरु और सीनियर अभय भी सरप्राइज है कि आखिर क्यों जय देश के साथ गद्दारी करने को मजबूर हो गया है। वह जय को ढूंढकर सबक सिखाने की कोशिश में लग जाता है। कहानी में जय की लव इंटरेस्ट हैकर सोनिया (रकुल प्रीत सिंह) है, जो जय के डिसीजन में उसके साथ है। आम्र्स डील और करप्शन के इर्द-गिर्द कहानी आगे बढ़ती है, जिसमें सेना के कुछ पूर्व और वर्तमान अधिकारियों की मिलीभगत भी दिखाई गई है। वहीं ईमानदार आर्मी चीफ भी है, जो चार गुना महंगे हथियार बेचने वाली कंपनी की डील को एक्सेप्ट करने से मना कर देता है। हालांकि इसके बदले उसे धमकी भी मिलती है। इसके बाद कहानी में कई ट्विस्ट्स व टन्र्स देखने को मिलते हैं और कई अहम मुद्दों पर ध्यान केन्द्रित करती हुई आगे बढ़ती है।
एक्टिंग
फिल्म का प्लस पॉइंट मनोज वाजेपयी की एक्टिंग है। वह अपने हर सीन में कमाल लगे हैं। सिद्धार्थ ने ठीक-ठाक काम किया है, वहीं रकुल प्रीत भी फीमेल एक्टर की जगह भरती नजर आई हैं। कुमुद मिश्रा ने दमदार अभिनय किया है। छोटे, लेकिन महत्वपूर्ण रोल में आदिल हुसैन अपनी स्क्रीन प्रजेंस से दिल जीतने में सफल रहे हैं। पूजा चोपड़ा ने भी आर्मी ऑफिसर की भूमिका के साथ न्याय किया है। वहीं, नसीरुद्दीन शाह और अनुपम खेर जैसे कलाकारों के लिए करने को कुछ खास नहीं है।
डायरेक्शन
नीरज फिल्म के निर्देशक के साथ लेखक भी हैं। स्क्रिप्ट के मामले में वह चूक गए, वहीं स्क्रीनप्ले भी कन्फ्यूजिंग और बिखरा हुआ है। कई सीन बेवजह खींचे हुए हैं, जो इरिटेट करते हैं। जिन पर कैंची चलाई जा सकती थी। फिल्म के केन्द्र में भ्रष्टाचार का मुद्दा है, पर उसके मुताबिक क्लाइमैक्स बेहद कमजोर है। फिल्म की लंबाई अखरती है। इसके पीछे मुख्य वजह सुस्त संपादन है। गीत-संगीत में भी दम नहीं है। हालांकि लोकेशंस और सिनेमैटोग्राफी आकर्षक है।
क्यों देखें
'अय्यारी' दर्शकों की उम्मीदों से गद्दारी करती है। फिल्म में नीरज पांडे अपनी होशियारी दिखाने में नाकाम रहे। शुरू से लेकर अंत तक फिल्म दर्शकों को उलझाए रखती है। मनोज वाजपेयी की एक्टिंग के अलावा फिल्म में ऐसी कोई खास बात नहीं है, जिसके लिए सिनेमाहॉल के टिकट पर पैसा खर्च किया जाए।
Updated on:
18 Feb 2018 05:01 pm
Published on:
16 Feb 2018 12:38 pm
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