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Emergency Movie Review: कंगना रनौत की ‘इमरजेंसी’ है एक बेहद कमाल की ऐतिहासिक और दिलचस्प फिल्म, पढ़ें रिव्यू

Emergency Movie Review: कंगना रनौत के निर्देशन में बनी फिल्म 'इमरजेंसी' रिलीज हो गई है। इसमें कंगना ने इंदिरा गांधी की भूमिका निभाई है। यहां पढ़ें इसका रिव्यू।

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Emergency Movie Review in hindi Kangana Ranaut Shines in political drama

फिल्म: इमरजेंसी

डायरेक्टर: कंगना रनौत

कास्ट: कंगना रनौत, अनुपम खेर, श्रेयस तलपड़े, विषाक नायर, महिमा चौधरी, मिलिंद सोमन, सतीश कौशिक

ड्यूरेशन: 2 घंटे 28 मिनट

रेटिंग: 4/5

Emergency Movie Review: "इमरजेंसी" भारतीय राजनीति के उस चर्चित दौर को पर्दे पर लाती है, जब देश 1975 से 1977 तक आपातकाल के साए में था। कंगना रनौत ने फिल्म में इंदिरा गांधी का किरदार निभाते हुए उनके शासन और लोकतंत्र पर पड़े प्रभावों को पेश किया है। कंगना का अभिनय और निर्देशन इस कहानी को और भी दमदार बनाता है।

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कंगना रनौत ने निभाया इंदिरा गांधी का शानदार किरदार

ये फिल्म इंदिरा गांधी के कार्यकाल के उस कठिन समय पर आधारित है, जब आपातकाल के 21 महीनों ने भारतीय लोकतंत्र को हिला कर रख दिया था। नागरिक स्वतंत्रता समाप्त कर सरकार अपनी ताकत का मनमाना इस्तेमाल किया था। बता दें कि कंगना रनौत ने फिल्म में इंदिरा गांधी के किरदार को गहराई और बेहद खूबसूरती से निभाया है।

बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम से लेकर ऑपरेशन ब्लू स्टार और इंदिरा गांधी की हत्या तक की घटनाएं फिल्म में दर्शाई गई हैं। लेकिन फिल्म का असली आधार इमरजेंसी का समय है, जिस पर फिल्म की कहानी का खास फोकस है। 

कैसा है डायरेक्शन 

कंगना का निर्देशन आत्मविश्वास और साहस का उदाहरण है। उन्होंने ऐतिहासिक घटनाओं और मानवीय भावनाओं को बेहद संवेदनशीलता के साथ संतुलित किया है। फिल्म बिना किसी झुकाव के भारतीय राजनीति की जटिलता को साहसिक रूप से सामने लाती है।

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कैसी है कलाकारों की एक्टिंग

अभिनय के स्तर पर सह-कलाकारों का काम बेहद प्रभावी रहा है। विषाक नायर ने संजय गांधी के विवादास्पद व्यक्तित्व को अपनी एक्टिंग से जिंदा कर दिया है, जबकि अनुपम खेर ने जयप्रकाश नारायण के किरदार में लोकतांत्रिक संघर्ष की सच्चाई को उजागर किया।

महिमा चौधरी ने पुपुल जयकर के किरदार को अपने सहज और गहरे अभिनय से यादगार बना दिया है। मिलिंद सोमन ने सैम मानेकशॉ के किरदार में जान फूंक दी है, वहीं सतीश कौशिक ने जगजीवन राम की भूमिका को पूरे समर्पण के साथ निभाया है।

फिल्म की सिनेमेटोग्राफी ने 70 के दशक के भारत को बखूबी जीवंत किया है। हर सीन प्रामाणिक और असल लगते है। बैकग्राउंड स्कोर और गाने कहानी में न सिर्फ गहराई लाते हैं, बल्कि उसे और भी मजबूत बनाते हैं। "सिंहासन खाली करो" और "सरकार को सलाम है" जैसे गाने फिल्म के अहम संदेश को और मजबूत करते हैं।

क्यों देखें "इमरजेंसी" मूवी 

"इमरजेंसी" भारतीय इतिहास के एक अहम दौर को बेहद प्रभावी और गहन तरीके से दर्शाती है। कंगना का अभिनय और निर्देशन फिल्म को खास बनाते हैं। यह फिल्म इतिहास के साथ-साथ भावनाओं की भी गहराई में ले जाती है। अगर आपको भारत की राजनीति में रुचि है, तो यह फिल्म आपके लिए मस्ट वॉच है।"इमरजेंसी" एक ऐसी फिल्म है जो भारतीय इतिहास के महत्वपूर्ण समय को सजीव करती है।

कंगना रनौत ने अपनी परफॉर्मेंस और निर्देशन के दम पर इसे खास बनाया है। कहना होगा कि फिल्म की कहानी, डायरेक्शन, एक्टर्स की परफॉर्मेंस दर्शकों को अंदर तक झकझोर देती है। यह फिल्म मस्ट वॉच है क्योंकि इसमें राजनीति से लेकर इतिहास में छुपे सच की कहानी है।