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मुंज्या रिव्यू: डर की दस्तक, और ह्यूमर के तड़के का जबरदस्त मेल है यह फिल्म

फिल्म: मुंज्या डायरेक्टर: आदित्य सरपोतदार कास्ट: शरवरी, मोना सिंह, अभय वर्मा, सत्यराज, अवधि: 123 मिनट रेटिंग: 3.5

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डायरेक्टर आदित्य सरपोतदार द्वारा डायरेक्टेड "मुंज्या" फिल्म दर्शकों को एक रोमांचक कहानी से रूबरू कराती है। यह कहानी बिल्कुल नई है और इसके किरदार इसके नाम की तरह ही दिलचस्प हैं। कहना गलत नहीं होगा कि राइटर्स योगेश चांदेकर और नीरेन भट्ट ने कहानी को एक नई दिशा में ले जाने के लिए कड़ी मेहनत की है। तो चलिए आपको बताते हैं आखिर क्या है ये "मुंज्या" और कैसी है इसकी कहानी।

फिल्म की कहानी 1952 और आज के समय पर आधारित है। फिल्म की शुरुआत 1952 से होती है, जहां एक युवा लड़के को एक मुन्नी नाम की लड़की से प्यार हो जाता है। परिवार का विरोध देखने के बावजूद लड़का किसी भी हाल में उस लड़की से शादी करना चाहता है। ऐसे में उसकी मां जो उसके इस रवाइए से बेहद नाराज है उसका जनेऊ करवा देती है। जनेऊ के बाद कुछ ऐसा होता है कि लड़के की जान चली जाती है और वह एक मुंज्या बन जाता है। जिसके बाद कहानी वहां से कट होकर आज के समय में आती है, जहां हमारी मुलाकात बिट्टू (अभय वर्मा) से होती है। बिट्टू की छोटी सी दुनिया है, जिसमें वह पुणे जैसे शहर में अपनी मां पम्मी (मोना सिंह) और दादी (सुहास जोशी) के साथ रहता है। वह एक स्टूडेंट है और हर एक नौजवान की तरह उसे भी एक लड़की बेला (शरवरी) से प्यार हो जाता है। हालांकि, वह इतना सिंपल और शर्मिला होता है कि कभी बेला से अपनी दिल की बात नहीं कह पाता।

कहानी में एक बड़ा ट्विस्ट आता है, जब बिट्टू अपनी मां और दादी के साथ एक गाँव में हो रही शादी में शामिल होता है। वहां, वह अनजाने में कई गहरे राज़ों का सामना करता है, और उसके पीछे मुंज्या का अनोखा राज़ होता है। मुंज्या का काला साया बिट्टू की जिंदगी को उथलपुथल कर देता है। यहां तक की उसकी दादी की जान भी चली जाती है। जिसके बाद बिट्टू अपनी मां और अपने प्यार बेला को बचाने के लिए ओझा (सत्यराज)को मदद लेता है।

अब यह सवाल उठता है कि क्या बिट्टू अपने परिवार को मुंज्या के काले साए से बचा पाएगा? क्या बेला भी मुंज्या का शिकार बन जाएगी? आखिर क्या है बिट्टू और मुंज्या का रिश्ता ? क्या ओझा बिट्टू की मदद कर पाएगा ? और अंत में, क्या बिट्टू बता पाएगा बेला को अपनी दिल की बात। इन सभी सवालों के जवाब चाहते हैं, तो देखिए यह हॉरर कॉमेडी फिल्म जिसमें डर, प्यार, दुख और कई डरावने पल हैं। 

फिल्म की कहानी जितनी दमदार है, उतनी ही उसमे मौजूद एक्टर्स की एक्टिंग दिल जीतने वाली है। बिट्टू के किरदार में अभय वर्मा छा गए हैं। मोना सिंह की एक्टिंग हमेशा की तरह लाजवाब है। खूबसूरत ही नहीं टैलेंटेड एक्ट्रेस शरवरी ने भी अपनी एक्टिंग का दम दिखाया है। जबकि, सत्यराज हमेशा की तरह अपने किरदार के साथ न्याय करते नजर आ रहे हैं।

मुंज्या के गाने और बैकग्राउंड स्कोर जबरदस्त हैं। फिल्म का डायरेक्शन, स्क्रीनप्ले और सिनेमेटोग्राफी भी कमाल की है। 

इस गेम चेंजर सुपरनैचुरल हॉरर कॉमेडी को दिनेश विजन और अमर कौशिक ने मैडॉक फिल्म्स प्रोडक्शन के बैनर तले प्रोड्यूस किया है। फिल्म एक परफेक्ट फैमिली एंटरटेनर है, जिसे मिस नहीं करना चाहिए।