
महामारी से जंग सावधानी-सजगता की मिसाल बना धारावी मॉडल
बसंत मौर्य/मुंबई. अप्रेल-मई में ऑक्सीजन-दवा की किल्लत को लेकर सियासी आरोप-प्रत्यारोपों के बीच सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई के धारावी मॉडल को न सिर्फ सराहा बल्कि इससे सीख लेने की नसीहत भी दी। महानगर के बीचोंबीच ढाई किमी में फैली 8 लाख से ज्यादा आबादी वाली झुग्गी बस्ती धारावी को लेकर सबसे ज्यादा आशंकाएं थीं।
गनीमत यह कि दूसरी लहर में धारावी सुरक्षित रही। पिछले साल महानगर पालिका की ओर से की गईं तैयारियां काम आईं। प्रशासन की मुस्तैदी और स्थानीय लोगों की सजगता-सावधानी से आफत लगभग टल गई। धारावी में अब तक करीब 6,900 संक्रमित मिले हैं। इनमें से 6,500 ठीक हो चुके हैं। महामारी से 359 लोगों की मौत हुई है। एक्टिव केस 20 से कम हैं। जून में रोजाना तीन से चार नए केस ही मिल रहे हैं।
चार टी पर फोकस
धारावी मॉडल चार टी-टेस्टिंग, ट्रैकिंग, ट्रेसिंग और ट्रीटमेंट पर आधारित है। पुलिस के साथ स्थानीय लोगों का सहयोग लिया। स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित किया। 'चेज द वायरसÓ मुहिम शुरू की। मरीजों के आने का इंतजार नहीं किया, बीएमसी के लोग खुद ही घर-घर पहुंचे। संक्रमितों को अस्पताल भेजा।
डब्लूएचओ ने सराहा
पिछले साल धारावी में कोरोना की दस्तक के बाद बीएमसी और सरकार की नींद उड़ गई। चिंता थी कि संक्रमण से हालात बेकाबू हो सकते हैं। बीएमसी ने योजना बना कर पूरे इलाके को सैनिटाइज किया। केमिकल का छिड़काव कराया। घर-घर टेस्टिंग की गई। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए दवाएं वितरित की। क्वॉरंटीन-उपचार की सुविधाएं जुटाई गईं। फिलीपींस यहां के उपायों का अध्ययन कर चुका है। कोरोना पर काबू पाने के धारावी मॉडल डब्ल्यूएचओ भी सराह चुका है।
केस घटे, काम जारी रहा
मुंबई में जी-नॉर्थ वार्ड के सहायक आयुक्त किरण दिघावकर ने कहा केस घटने पर भी टेस्टिंग जारी रही। दूसरी लहर आई तो बचाव के लिए पूरी मशीनरी एक्टिव कर दी। अभी टीकाकरण चुनौती
कोरोना की दोनों लहर को मात दे चुके धारावी में लोग भ्रांतियों के चलते वैक्सीन नहीं लगवा रहे। 21 हजार टीके लगाए गए हैं। बीएमसी इसके फायदे समझाने में जुटी है।
Published on:
10 Jun 2021 10:05 pm
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