सीओडी (Central Ordnance Depot) ने ‘गोदरेज रिजर्व’ पर आपत्ति जताते हुए शहर के स्थानीय निकाय ग्रेटर मुंबई नगर निगम (MCGM) को पत्र लिखा है। इसमें गोदरेज रिजर्व परियोजना (Godrej Reserve Project) के लिए तत्काल ‘काम रोकने का नोटिस’ जारी करने को कहा गया है।
प्रोजेक्ट पर संकट के बादल मंडराये!
सेना के मुताबिक, गोदरेज रिजर्व परियोजना एक संवेदनशील सैन्य प्रतिष्ठान के बहुत करीब स्थित है। वास्तव में यह 500 मीटर क्षेत्र के भीतर 250 मीटर की दूरी पर स्थित है, जहां रक्षा विभाग के अनुमति बिना कोई भी व्यावसायिक गतिविधि करना नियम के खिलाफ है।
क्या है नियम?
मौजूदा कानूनों के मुताबिक, किसी रक्षा प्रतिष्ठान की परिधि दीवार के 100 मीटर के दायरे में इस तरह के निर्माण की अनुमति नहीं है। इसके अलावा, 100 से 500 मीटर के भीतर अधिकतम ग्राउंड प्लस 3 मंजिल तक का भवन निर्माण करने की अनुमति है। इन भवनों का निर्माण भी रक्षा विभाग से एनओसी (NOC) प्राप्त करने के बाद ही किया जा सकता है।
गोदरेज समूह ने क्या कहा?
हालांकि गोदरेज प्रॉपर्टीज (Godrej Properties) ने बयान जारी कर कहा कि उसने परियोजना के लिए सभी जरूरी अनुमतियां ली हैं। मुंबई रियल एस्टेट क्षेत्र में गोदरेज सबसे बड़े नामों में से एक है। ‘गोदरेज रिजर्व’ प्रोजेक्ट 18.6 एकड़ जमीन पर बनाया जा रहा है, जिसमें 50+ मंजिल के कुल 6 टावर बनेंगे। इससे कंपनी को 7,000 करोड़ रुपये की कमाई होने का अनुमान है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रोजेक्ट के लॉन्च होने के बाद से एक लाख स्क्वेयर फीट से अधिक के लिए ग्राहकों से बुकिंग अमाउंट भी मिल चुका है।