वास्तविक श्रमिक टेंट ( Tent ) और सड़कों पर अपनी बारी के इंतजार में दो-तीन दिन तक आंखे पथराए पड़े रहते हैं, तो गर्मियों में अपने गांव की यात्रा ( Travel) करने वाले सेटिंग-गेटिंग से इन श्रमिक ट्रेनों से अपनी यात्रा को मंगलमय बनाने में सफल हो जा रहे हैं। ऐसे लोगों को मदद ( Help ) पहुंचाने में सक्रिय हैं कई स्थानीय नेता और बिचौलिए।
पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क
मीरा भायंदर. कोरोना संक्रमण काल में लाचार बेबस मजदूरों के नाम पर मुफ्त ट्रेन यात्रा का प्लान बनाकर गांव घूमने वालों की बन आई है। वास्तविक श्रमिक टेंट और सड़कों पर अपनी बारी के इंतजार में दो-तीन दिन तक आंखे पथराए पड़े रहते हैं, तो गर्मियों में
अपने गांव की यात्रा करने वाले सेटिंग-गेटिंग से इन श्रमिक ट्रेनों से अपनी यात्रा को मंगलमय बनाने में सफल हो जा रहे हैं। ऐसे लोगों को मदद पहुंचाने में सक्रिय हैं कई स्थानीय नेता और बिचौलिए।
मीरा भायंदर से मजदूरों को गांव
भेजने के लिए भायंदर चौपाटी पर टेंट लगाया गया है, जहां रोजाना सैकड़ों प्रवासी श्रमिक पहुंच रहे हैं। इन यात्रियों को बस से वसई स्टेशन पहुंचाया जाता है, जहां से ट्रेन रवाना होती है।
सूत्रों की माने तो मजदूरों की आड़ में बड़ी संख्या में लोग स्थानीय नेताओं से पहचान का फायदा उठा कर मुफ्त ट्रेन यात्रा कर रहे हैं। श्रमिकों की माने तो वे कई दिन से गांव जाने का इंताजर कर रहे हैं पर कुछ लोग सीधे बैग लेकर आते हैं, उन्हें बस में बैठा कर रवाना कर दिया जाता है। उनका पहनावा देखकर कहीं से नहीं लगता है की वो मजबूर मजदूर हैं। मजदूरों के नाम पर अपनों को मुफ्त सैर करानेवाले नेताओं की जांच की मांग अब स्थानीय लोग करने लगे हैं।
Hindi News/ Mumbai / Mumbai Shramik Train : पलायन में भी प्लान, नेताओं के परिचितों को पहले मौका