जानकारी के मुताबिक, मछुआरे इस घटना को चमत्कार मान रहे है. बताया कि रविवार रात भायंदर क्रीक (नाले) के पानी में गिरी एक महिला सात घंटे से अधिक समय तक पानी में रही और फिर भी जीवित बच गई। रंजना विश्वकर्मा नाम की महिला मदद की आस में क्रीक (Bhayander Creek) में एक नाव से चिपकी हुई थी।
महिला अपने एक दोस्त के साथ पुल पर गयी थी। पुलिस शिकायत में महिला के दोस्त ने कहा कि विश्वकर्मा ने उसे अपने साथ क्रीक ब्रिज पर जाने के लिए कहा, जहां से उसके भाई ने कूदकर कुछ महीने पहले जान दे दी थी।
शाम करीब सात बजे जब वे पुल पर खड़े थे तभी बारिश होने लगी। हवा के कारण महिला का छाता उड़ गया और उसे पकड़ने की कोशिश करते हुए वह फिसल कर नाले (क्रीक) में जा गिरी। फिर दोस्त ने पुलिस को घटना की जानकारी दी। इसके बाद मौके पर एक सर्च टीम के साथ पुलिस मौके पर पहुंची। लेकिन बहुत अंधेरा होने और क्रीक में ज्यादा गन्दगी के कारण सर्च ऑपरेशन को बंद करना पड़ा।
बाद में घाट पर लगी एक नाव पर मौजूद मजदूरों ने एक महिला को मदद के लिए चीखते सुना। शुरू में उन्हें लगा कि यह एक भूत है, क्योंकि कम ज्वार के दौरान कोई भी उनकी नाव तक नहीं पहुंच सकता क्योंकि तब क्रीक गंदगी से भरा होता है।
लेकिन बाद में एक महिला को नाव से चिपका देख सभी दंग रह गए। उन्होंने उसे सुरक्षित खींच लिया। मजदूरों ने उसे कपड़े दिए और खाने के लिए दिया। सुबह 5 बजे के आसपास था जब हाईटाइड आया तो नाव घाट के लिए रवाना हुई। महिला (विश्वकर्मा) ने बताया कि वह तैर नहीं सकती। उसने कहा कि उसे याद है कि वह पुल से लगभग 9 मीटर नीचे पानी में गिरी थी, लेकिन उसे यह याद नहीं है कि वह घाट पर कैसे पहुंची। पीड़िता को उसके परिवार को सौंप दिया गया है।